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भारत

गीत(16/14)*भारत*
समझे जो परिवार विश्व को,
ऐसा देश हमारा है।
सत्य-अहिंसा का यह पोषक,
अपना भारत न्यारा है।।

नहीं विकल्प युद्ध है होता,
इसमें यह विश्वास करे।
प्रेम-डोर में बँधे रहें सब,
सदा यही सिद्धांत धरे।
प्रेम-भाव-सद्भाव रहे जग,
इसका प्यारा नारा है।।
     अपना भारत न्यारा है।।

युद्ध विनाशक-घातक होता,
इससे दुख का द्वार खुले।
त्राहि-त्राहि मच जाती जग में,
कभी न इसका दाग धुले।
यह अशांति का सूचक होता।
इसका नहीं किनारा है।।
    अपना भारत न्यारा है।।

ऋषियों-मुनियों का यह भारत,
शांति-सोच-संवाहक है।
सबका हो कल्याण विश्व में,
शुचि चिंतन का ग्राहक है।
कला-ज्ञान-विज्ञान देख जग,
इससे हर युग हारा है।।
     अपना भारत न्यारा है।।

पर्वत श्रेष्ठ हिमालय उत्तर,
दक्षिण सागर लहराए।
पूरब में अरुणाचल-सीमा,
पश्चिम कोंकण मन भाए।
गंगा-यमुना-महानदी की,
बहती निर्मल धारा है।।
      अपना भारत न्यारा है।।
              ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                   9919446372

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2 Comments

Haaya meer

30-Dec-2022 07:29 PM

👌👌

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शानदार प्रस्तुति 👌

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