Madhu Arora

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फर्ज

इंसानियत का फर्ज हमने खूब निभाया है यहांँ
बदलते बदलते खुद को  कितना बदला यहांँ

प्यार सब का मुझको भला मिले यहांँ
औरों के लिए अपने आप को संभाला यहांँ

घर परिवार खुश रहे मेरा सदा यहांँ
कदम कदम पर खुद को बदला यहांँ

बदल कर चाहत सभी की मिले  भला यहांँ
बदलते बदलते खुद को बदला यहांं

सौगात तेरे प्यार की संभाले मधु कहांँ
जमाने ने उसे हर कदम पर बदला यहांँ‌
             रचनाकार ✍️
             मधु अरोरा

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5 Comments

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Sachin dev

31-Dec-2022 06:03 PM

Well done

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Renu

31-Dec-2022 08:11 AM

👍👍🌺

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