जंग

जंग

दिन रात लगातार एक जंग जारी है
कोशिश सबकी यहां कौन किसपर भारी है।

सांसों का हो रहा वक्त से तकरार
दांव पर लगी है जान सबकी यार।

अच्छाई यहां बुराई से कर रही लड़ाई
इंसानियत हैवानियत में हो रही जोर आजमाइश।

दिल और दिमाग एक दूसरे पर जोर आजमा रहे
दिमाग ज्यादा जीत रहे दिल बहुत हार रहे।

आस्था और विश्वास धर्म की कर रहे रस्सा कशि
पूरी दुनिया है इस विवाद के जाल में उलझी।

सही और गलत की परिभाषा लोग बना रहे
अपने अपने स्वार्थ का परचम लहरा रहे।

सबकी अपनी परेशानियां अपनी अलग जंग है
जिंदगी की इसी जद्दोजहद में बिखरे इसके रंग हैं।।

आभार – नवीन पहल – ०२.०१.२०२३ 🙏🙏

# प्रतियोगिता g


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7 Comments

यथार्थ चित्रण आज के परिवेश का

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Raziya bano

04-Jan-2023 11:15 AM

Nice

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