नववर्ष
नव वर्ष
नव वर्ष हो मंगलमय सबका
सब लोग प्रसन्न व स्वस्थ रहें।
परहित ही लक्ष्य रहे सबका,
मक़सद न रहे खुदगर्जी का।
हो राष्ट्र की सेवा सर्वोपरि-
बस यही रवायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो....
नदियों का जल न प्रदूषित हो,
और वायु हमेशा स्वच्छ बहे।
हरियाली-वन-संरक्षण का,
एकमात्र बस लक्ष्य रहे।
आबो-हवा-जलवायु स्वच्छ-
की बहुतायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो....I
फसलें भी हमेंशा उगा करें,
पशु-पक्षी भी अलमस्त रहें।
इस मुल्क़ में अम्नो-चैन रहे,
न तो फिक्र,न मन में मैल रहे।
सब जतन-लगन से कर्म करें-
जन-जन की हिमायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो....
ऋषियों-मुनियों का देश यही,
दुनिया को सिखाया चाल-चलन।
न तो धर्म-द्वेष,न तो वर्ग-द्वेष,
न तो रंग-भेद की बात यहाँ।
न तो कभी किसी से बैर रहे-
बस रब की इनायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो मंगलमय....
©नव डॉ. हरि नाथ मिश्र
9919446372
Varsha_Upadhyay
03-Jan-2023 07:31 PM
शानदार
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Sachin dev
03-Jan-2023 06:42 PM
Bahut khoob
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Abhilasha deshpande
03-Jan-2023 05:32 AM
सुंदर विचार धारा
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