लेखनी प्रतियोगिता -04-Jan-2023 मैं हूं देश की बेटी
शीर्षक-इस देश की हूं बेटी
इस देश के हूं बेटी,
नाम है मेरा मिट्टी,
जिसमें सोना उगले,
हीरे मोती भी उपजे।
इस देश के हूं बेटी..-2
इस देश की बेटी ,
सुना रही हूं देश की मिट्टी की गाथा,
रणभूमि में करके तिलक-2
चले हैं देखो देश के योद्धा।
इस देश के हूं बेटी---2
इस मिट्टी में लेते जन्म,
इस मिट्टी में होता मरण,
करती हूं नतमस्तक,
मेरे देश की मिट्टी है धन्य।
इस देश के हूं बेटी---2
इस मिट्टी में हुए कितने विद्वान,
दधीचि जैसे दिखा गये चमत्कार,
अपने शरीर का करके त्याग,
अस्थियों का बनाया व्रज शस्त्र।
इस देश के हूं बेटी---2
इस मिट्टी में होते फल फूल औषधि,
मनुष्य को बनाती निरोगी,
मेरी मिट्टी में होती हरियाली,
प्रकृति में छायी खुशियाली।
इस देश के हूं बेटी---2
किसान जब करते खेती,
सीने पर चलाते हल,
दुःख दर्द में सहती,
फिर जमीन उपजाऊ बनाती।
इस देश के हूं बेटी---2
इस मिट्टी में पहलवान रंगते,
दुश्मनों को धूल चटाते,
अपनी मिट्टी का मान बढ़ाते।
इस देश के हूं बेटी---2
इस मिट्टी में राम कृष्ण जन्मे,
इस मिट्टी को हम स्वर्ग बनाए,
मिट्टी है देश की बेटी,
चलो इसका मोल हम समझाएं।
इस देश के हूं बेटी---2
देश की मिट्टी के बिना सब कुछ हैं अधूरा,
यह तो है देश की बेटी,
इससे तो मिलकर संसार बने,
इसके बिना तन भी पत्थर का लगे।
इस देश के हूं बेटी---2
नाम है मेरा मिट्टी----२
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
05-Jan-2023 08:25 PM
शानदार
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Sachin dev
05-Jan-2023 04:03 PM
Well done
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
05-Jan-2023 10:05 AM
बेहतरीन सृजन
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