लेखनी प्रतियोगिता -05-Jan-2023
वो यादें
वह यादें याद है मुझे,
जीवन ने जो सहेजे।
पल को लेकर चले उस द्वारे,
जहाँ हो शाति चिन्ह के किनारे।
मुसाफिर एक भटकते हुये सपने,
लगा चलने वह यादों को चूनने।
सोचता यह किनारा कहैः।
नारा ले नहीं जाक।सही।
वह किनारा की यादे लेकर?
दिया मुझे वह सहारा
-भूमिका शर्मा
Rajeev kumar jha
07-Jan-2023 08:08 PM
Nice 👍🏼
Reply
Sachin dev
07-Jan-2023 02:31 PM
Nice
Reply
Punam verma
06-Jan-2023 08:55 AM
Very nice
Reply