दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय समस्याओं से भागे नही
व्यक्ति से सृष्टि निर्माण तक , हिंददेश अंतराष्ट्रीय परिवार विश्व बंधुत्व की प्रेम भावना ,मानवीय संवेदनाओं के सरंक्षण और उन्नयन के लिए निरंतर क्रियाशील रहा है ।तथा मानवीय मूल्यों को जीवंत रखने की दिशा मे भी संघर्ष पथ पर अग्रसर रहा है ।विश्व मानवता की स्थापना के उद्देश्य से लगातार काम करने का पवित्र चिंतन ,मनन ,लेखन और सुविचारों का पुनर्स्थापन के लिए सदैव एक सांस्कृतिक सैनिक की तरह कर्म पथ पर अग्रसर रहेंगे ।इन्ही शब्दों के साथ मै आज सकारात्मक विचार प्रेषित करती हूं।और सबसे पहले आदरणीय संजय गुप्त जी को कोटि कोटि नमन करती हूं उनके मार्गदर्शन से बहुत कुछ जीवन मे सफलताएं प्राप्त की ,और डाक्टर अर्चना पांडे जी का भी आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे इस तरह के अवसर प्रदान किए ।और मेरे परम पूज्य डॉक्टर अरुण कुमार शास्त्री जी ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया ।उनको मै कोटि कोटि वंदन करती हूं।
आगे अपने विचार व्यक्त करती हूं कि समस्याओं से भागे नही ,सुलझाने का साहस जुटाएं । समस्याएं हर किसी के जीवन में आती हैं, इनसे सभी को परेशानी भी होती है और कोई भी इनके प्रभाव से अछूता नहीं रह पाता। प्राय समस्याओं की शुरुआत छोटे रूप में होती हैं,लेकिन उन्हें अनदेखा करने पर वह अपना बड़ा रूप लेने लगती है। एक समस्या अपने से जुड़ी हुई कई अन्य तरह की समस्याओं का कारण भी बन सकती है। कुछ समस्याएं हमारी गलतियों के कारण पैदा होती हैं तो कुछ समस्याएं उन गलतियों को बार-बार दोहराने के कारण पैदा होती हैं और कुछ समस्या है तो जाने अनजाने पैदा हो जाती हैं असली समस्या तब आती है, जब हमें उनका उचित समाधान नहीं मिलता और उस समय एक समस्या के कारण हमारी अनेक समस्याएं निरंतर बढ़ती जाती हैं।
अपनी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए जब हम अपनी गलतियों को सुधारना चाहते हैं तब उसमें भी हमें समय लगता है क्योंकि कई बार गलतियां सुधारने के बावजूद परिस्थितियां नहीं संभल ती। ऐसी स्थिति में पछतावा करने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाता और फिर ऐसा लगता है कि काश इसके बारे में पहले सोच लिया होता तो ऐसी स्थिति नहीं आती।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार व्यक्ति जब तनाव में होता है तब उस दौरान बेहद स्वयं पर नियंत्रण होने लगता है। जैसे ही व्यक्ति अपने मन को स्वतंत्रता देता है यानी उसे कुछ भी करने का अवसर देता है, तो वह समस्याओं की भूमिका तैयार करने लगता है ऐसी स्थिति में कभी अहंकार तो कभी असुरक्षा की भावना उसके विचारों में आती है। इस तरह व्यक्ति डर तनाव और चिंता के चक्र किस से स्वयं को घेर लेता है।
मेरे विचार से किसी भी समस्या के आने पर जो लोग केवल दूसरों को या अपने हालात को दोष देते हैं, भी भावनाओं में बहकर गलत निर्णय लेने लगते हैं। इसके विपरीत जो मौजूदा हालात की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हैं ,वह बुरे हालातों से बाहर निकलने के लिए अपना मार्ग बना लेते हैं और विकल्पों की रहा खोल देते हैं।
इस तरह समस्या का स्वरूप क्या है यह देखने वाले के नजरिए पर निर्भर करता है। किसी के लिए वह समस्या बड़ी हो सकती है तो किसी के लिए वह छोटी हो सकती है तो किसी के लिए वह निर्थकहो सकती है। इसलिए किसी भी तरह की समस्या आने पर उसके लिए अन्य लोगों से सलाह लेना फायदेमंद होता है क्योंकि अन्य लोगों का उसी समस्या को देखने का नजरिया भिन्न हो सकता है और समाधान का तरीका भी कुछ नया हो सकता है, जिसे हम समस्या से घिरे होने पर सोच नहीं पाते।
प्राय लोग अपना गुस्सा दूसरों पर उतारते हैं ।यह भी एक तरह की प्रतिक्रिया है ,जो किसी क्रिया के फलसरूप उत्पन्न होती है। सामने वाला व्यक्ति जो देख रहा होता है वह उसकी समस्या है पर यह विकल्प व्यक्ति के पास सदैव होता है कि वह उसे किस रूप में हमेशा परिस्थिति एक जैसी नहीं रहती गुस्सा आता है तो वह एक सीमित समय के लिए होता है ,पूरे दिन कोई भी व्यक्ति गुस्से के आवेश में नहीं रह सकता। परिस्थितियां बदलते ही मन स्थिति को भी बदलना पड़ता है, इसलिए यह ध्यान रखें कि देर सवेरे परिस्थितियां संभलेंगी ही , इसलिए जहां तक हो सके बड़ों के लिए विनम्रता, छोटों के लिए उदारता का व्यवहार बनाए रखना, रिश्तो में आने वाली समस्या को कम करने का एक कारगर उपाय हो सकता है।
जहां तक संभव हो अपनी प्रतिक्रिया तुरंत देने से बचें, क्योंकि जल्दबाजी में दी गई प्रतिक्रियाए प्रायः बाद मे पछतावा देती हैं। यदि बात बिगड़ती है, तो उसे कभी भी आवेश में आकर समझाया नहीं जा सकता, इसलिए माहौल को बिगाड़ने के बजाय उसे संभालने पर ध्यान देना चाहिए। हर किसी की बात सुननी चाहिए और तभी निर्णय लेना चाहिए। जीवन में समस्याएं अनेकों हो सकती हैं, पर यदि मन शांत रखा जाए तो प्रत्येक का समाधान संभव है।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर,
हिंददेश कानपुर इकाई की अध्यक्ष
राष्ट्रीय प्रचारिका भारत साहित्य संगम नारी शक्ति ।
Shashank मणि Yadava 'सनम'
07-Feb-2023 02:38 PM
बहुत ही बेहतरीन और प्रेरित करती हुई अभिव्यक्ति
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Sachin dev
11-Jan-2023 05:51 PM
Nice
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सीताराम साहू 'निर्मल'
09-Jan-2023 03:45 PM
👏👌🙏🏻
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