दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय मेरी प्यारी हिंदी
*राष्ट्र भाषा हिंदी*
*हिन्दी दिवस पर कविता*
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हिन्दी हमको प्यारी है,
सारे जग से न्यारी है।
मेरी हिन्दी अति प्राचीन,
प्रथम भाषा कहलाती है।
यह देव नागरी से निकली,
भारत की प्रिय भाषा है।
भारत में शिर मौर है हिन्दी,
हमारी मातृ भाषा है हिंदी।
हमारी राज्य भाषा है हिन्दी,
हमारी राष्ट्र भाषा है हिन्दी।
हिन्दी हमको प्यारी है।
हिन्दी मीठी बोली लगती,
हम सब को अति प्यारी है।
सभी भाषाओं से प्रेम,
करती अपने संग बैठाती है।
अपना बिस्तार खुद करती,
जग को भी लुभाती हैं।
साहित्यकारो से प्रशन्न रहती,
समृद्ध साहित्य से भरी है।
मेरी हिन्दी सबसे बड़ी है।
सूर रसखान ने रस से,
भीगोया कबीर ने हमको
ज्ञान दिया।
बाबा तुलसीदास ने राम,
चरित मानस लिखकर,
हिन्दी को सम्मान दिया।
कवियों के कलम की शोभा कविता की श्रीगांर है।
मां भारती की चहेती भाषा,
सब भाषाओं की शान है।
हम हिन्दुस्तानी है मेरी,
हिन्दी भाषा प्यारी है।
हम गर्व करते अपने भाषा
पर पूरे जग से न्यारी है।
हिन्दी का कितना करूबखान,
इसमें लिखे गए वेद पुराण है।
शब्दो की भंडार है हिन्दी,
पुर्वजों की ज्ञान है हिन्दी।
देश की प्रिय भाषा हिंदी।
हिन्दी मेरी शान है।
हिन्दी मेरी जान है।
हिन्दी स्वाभिमान है।
हिन्दी देश की आन है।
हम हिन्द देश के वासी है।
हिन्दी मेरा अभिमान है।
जै हिन्द जै हिन्दी,
जै हिन्दुस्तान
सुनीता गुप्ता कानपुर
Gunjan Kamal
10-Jan-2023 07:52 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Rajeev kumar jha
10-Jan-2023 05:44 PM
शानदार
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डॉ. रामबली मिश्र
10-Jan-2023 04:44 PM
बहुत खूब
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