ग़ज़ल
🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹
ह़ुस्न ओ जमाल नाज़ो अदा चाल ढाल के।
नम्बर मिलेंगे पूरे तुझे हर सवाल के।
ले आऊँगा सदफ़ से मैं गौहर निकाल के।
रख दूँगा तेरे वास्ते सागर खंगाल के।
मैं तुझपे मर मिटा तो ये ह़ैरत की बात क्या।
क़ायल हैं चाँद तारे भी तेरे जमाल के।
जो माँगना है माँग तुझे इख़्तियार है।
रख दूँगा एक हाँ पे कलेजा निकाल के।
ह़ैरान बिजलियाँ हैं परेशान बदलियाँ।
ज़ीने पे चढ़ न ऐसे तू ज़ुल्फें उछाल के।
हो जाएगा नशा मुझे गिर जाऊँगा सनम।
ऐसे न देख आँखों में आँखों को डाल के।
मेरी तरह़ न मरना किसी पर फ़राज़ तू।
राहे वफ़ा में रखना क़दम देख भाल के।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद उ0 प्र0।
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अदिति झा
12-Jan-2023 04:57 PM
Nice one
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Reena yadav
11-Jan-2023 11:10 AM
Nice 👌
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