लेखनी प्रतियोगिता -11-Jan-2023 हाथ में खत
शम्मी अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी लेता है। क्योंकि कुछ दिनों के बाद शम्मी की निर्मित नाम की लड़की से शादी होने वाली थी। निर्मित बहुत समझदार घरेलू पढ़ी-लिखी लड़की थी।
निर्मित के पिता का स्वर्गवास हो चुका था। निर्मित की मां ने ही निर्मित को पढ़ा लिखा कर पाल पोस कर बड़ा किया था। निर्मित की मां निर्मित की शादी बहुत धूमधाम से करती है। शादी की पहली रात शम्मी जब अपने कमरे में आता है।
शादी में फेरों भाग दौड़ आदि की वजह से निर्मित को बहुत गहरी नींद आ जाती है। निर्मित के हाथ में एक खत था, वह खत मोहन नाम के लड़के के पहले प्यार का था।
शम्मी निर्मित के हाथ में से उस खत को लेता है और उसको पढ़ता है उस खत में मोहन ने लिखा था अगर तुम गांव के बरगद के पेड़ के नीचे नहीं आओगी तो मैं अपनी जान दे दूंगा। उस खत को पढ़ने के बाद शम्मी खत वापस निर्मित के हाथ में रखकर अपने कमरे से निकलकर छत पर गुस्से में सोने चला जाता है।
दूसरे दिन शम्मी तलाक के पेपर लाकर निर्मित और अपने साइन करके कोर्ट में जमा करा देता है। निर्मित तलाक के पेपर पर साइन करने के बाद बहुत दुखी होकर रोने लगती है। निर्मित समझ नहीं पा रही थी कि पहले शम्मी ने मुझसे शादी की और फिर तलाक देकर मेरा जीवन क्यों बर्बाद करना चाहता है। और निर्मित दुखी मन से अपनी मां के पास चली जाती है।
निर्मल से तलाक की बात सुनकर निर्मित की मां को अटैक आ जाता है। और अटैक पड़ने की वजह से निर्मित की मां का निधन हो जाती है।
निर्मित दुख तकलीफ के साथ अपना जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाती है। निर्मित उस बरगद के पेड़ के नीचे रोज आती थी, जिस बरगद के पेड़ के नीचे मोहन ने अपनी जान दी थी। और निर्मित उस बरगद के पेड़ के नीचे बहुत रोती थी और मोहन की मौत का अपने को ही जिम्मेदार मानती थी।
निर्मित को तलाक देने के बाद शम्मी जीवन भर शादी ना करने का फैसला ले लेता है। और अकेला ही अपना जीवन जीता है।
शम्मी अपने मित्र के साथ उसी गांव में जाता है, जहां एक दिन वह दूल्हा बनकर बरात लेकर गया था। जैसी ही शम्मी अपने मित्र के साथ निर्मित के गांव में घुसता है तो उसे निर्मित की बहुत याद आने लगती है। तभी उसकी नजर बरगद के पेड़ के नीचे बैठी निर्मित पर पड़ती है। वहां निर्मित अकेली बैठी रो रही थी।
निर्मित को देखकर शम्मी अपने मित्र को बताता है कि "इसी लड़की से मेरी शादी हुई थी, और क्रोध में आकर निर्मित को उल्टा सीधा कहता है।" अपने दोस्त के सामने। शम्मी की बातें उसके मित्र को अच्छी नहीं लगती है। वह शम्मी से नाराज हो जाता है। फिर शम्मी उसे समझाते हुए बताता है कि "शादी की पहली रात मेरी पत्नी निर्मित के हाथ में उसके पहले प्रेमी मोहन का खत था जो मैंने पढ़ा था।"
और उसी समय मोहन का मित्र जो उस मोहन के खत में लिखा हुआ था, वह सारी बात शम्मी को सुनाता है। शम्मी समझ नहीं पाता कि जो उस खत में लिखा हुआ था वह सारी बातें मेरा मित्र कैसे मुझे बता रहा है। शम्मी अपने मित्र से पूछता है? कि "तुम्हें यह सब कैसे पता" तो शम्मी का मित्र बताता है कि "निर्मित की जरा सी गलती की वजह से निर्मित की सहेली और निर्मित की सहेली के प्रेमी मोहन की इसी बरगद के पेड़ के नीचे जान चली गई थी।"निर्मित की सहेली भी मोहन से प्यार करती थी लेकिन अपने परिवार की इज्जत की वजह से प्यार का इजहार करने से डरती थी। और मोहन निर्मित की सहेली के प्रेम में पागल था, वह निर्मित की सहेली के सच्चे प्यार को समझ नहीं पा रहा था, इसलिए वह खत लिख कर निर्मित की सहेली से पक्का जवाब चाहता था लेकिन निर्मित ने वह खत अपनी सहेली तक नहीं पहुंचाया और प्रेम में पागल मोहन ने अपनी जान दे दी। जब यह निर्मित की सहेली को पता चला तो उसने भी बरगद के पेड़ के नीचे अपना दम तोड़ दिया क्योंकि वह भी उससे उतना ही प्यार करती थी।
अपने मित्र की सारी बात सुनने के बाद शम्मी को अपनी गलती का एहसास होता है। और वह जल्दी से भागकर निर्मित के पास जाता है। और निर्मित को अपने गले लगा लेता है। निर्मित शम्मी के सीने से लग कर फूट-फूटकर खूब रोती है। और उस दिन दोनों पति-पत्नी एक हो जाते हैं।
प्रिशा
04-Feb-2023 08:41 PM
Bahut khub
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Gunjan Kamal
20-Jan-2023 04:30 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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madhura
13-Jan-2023 03:38 PM
nice one
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