Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -12-Jan-2023 गुणों की खान


शीर्षक-गुणों की खान
गुण एक ऐसा तत्व,
जरूरी है इसका अर्जन।

शक्कर की तरह होता गुण,
हमारे चरित्र में जाता घुल।

गुण की ऐसी होती पहचान,
सारे जगत में होता सम्मान।

इसके बिना है मनुष्य निष्क्रिय,
मनुष्य जीवन नहीं होता सक्रिय।

गुणी व्यक्ति कहलाता ज्ञानी,
होता जगत का अभिमानी।

अगर प्रबल हो तुम्हारे गुण,
कोई नहीं मोड़ सकता रुख।

गुणी व्यक्ति होता श्रेष्ठ,
पूरे जहां में कहलाता ज्येष्ठ।

जिसके स्वभाव में हो शालीनता,
क्षमादान की होती ज्ञानता।

कर्मठता की लेकर छड़ी,
साहस की पगडंडी पर चलता।

गुण उसको ही परखता,
आगे चलकर बनता गुणवंता।

व्यक्ति में हो गुणों की खान,
चंहू दिशा में होता  बखान।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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3 Comments

madhura

13-Jan-2023 03:18 PM

nice

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Swati chourasia

13-Jan-2023 06:46 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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बहुत ही सुंदर सृजन भाव

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