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लेखनी प्रतियोगिता -13-Jan-2023 "समर्पण "

*समर्पण*


समर्पण अटूट श्रद्धा है। 
समर्पण शाश्वत प्रेम है। 

समर्पण यदि इंसान के प्रति हो तो प्यार कहा जाता है। 
संसार के प्रति हो तो त्यौहार कहा जाता है। 
गुरू के प्रति हो तो परमात्मा का द्वार है। 
ईश्वर के प्रति हो तो मौक्ष तैयार है। 

बिना समर्पण के प्राप्ति नहीं होती 
जैसे पिया बिन प्रीति नहीं होती 
सब कुछ सौंप देना अपने प्रियतम को
जान लो इस समर्पण के नियम को ll 

"मेरे महादेव को समर्पित "
अपर्णा शर्मा 

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4 Comments

Abhinav ji

14-Jan-2023 07:38 AM

Very nice 👍

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बेहतरीन

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Babita patel

14-Jan-2023 12:33 AM

good one

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Thank you 🙏

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