Aliya khan

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उल्फ़ते





न कुछ पाने की खुवाहिश इस दिल को

न कुछ खोने का ही है अब गम

हिम्मत नही है अब और भी कुछ सेह ने की

उल्फ़ते बहुत है जमाने की इस जीने मै

सासे छूटती जाती है इस फासलो को मिटाने मैं

न तेरे आने का गम था न ही तेरे जाने का

तेरे साथ हर दर्द में हमने आँसू बहाए ये क्या काम था

हर खुशी का पा लेते हम हर खुशी को पा लेते हम

हमारा बस साथ तो देते तुम

मुंश्किल नही था यूह तो जीना जमाने मे

मुंश्किल नही था यूह तो जीना जमाने में

बस हमारा एक बार हाथ तो थमते तुम.........

आलिया खान......


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