लेखनी कहानी -12-Jan-2023
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अधिकार...(.ज़ख्मों पर नमक छिड़कना)
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रेखा आज बहुत परेशान थी उसके सामने उसके पति की शरीर पड़ा था।
उसका पति एक हफ्ते से करोना बीमारी से जूझ रहा था। आज सातवें दिन उसकी मौत हो गई।
रेखा चाह कर भी उसको अस्पताल नहीं ले जा पाई।
रेखा ने चारों तरफ बहुत हाथ-पैर मारे लेकिन उसकी किसी ने भी मदद नहीं की।
रेखा की एक बेटी 8 साल और एक छोटी बेटी 2 साल की है। वह तीनों भी करोना से संक्रमित हो चुके थे।
उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि अपने पति का अंतिम संस्कार कर सके।
अपनी एक फटी हुई साड़ी से ही पति का शरीर ढक रखा था। करोना की वजह से सारे काम धंधे भी बंद हो गए थे। जिन घरों में वह बर्तन का काम करती थी उधर जाना भी बंद हो गया था। रेखा को समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करें।
दोनो बच्चे भूख से बिल बिला रहे थे।
रेखा बिना कुछ सोचे अपने बच्चों को साथ लेकर झोपड़े से बाहर निकल गई।ऐसे ल रहा था जैसे" हर कोई उसके ज़ख्मों पर नमक छिड़क रहा है। "
वह चलती जा रही थी। तभी अचानक किसी ने उसको आवाज दी। रुको खाना ले जाओ। एक व्यक्ति खाना बांट रहा था बच्चे खाना देखकर खुश हो गए सड़क पर बैठकर खाने लगे। रेखा को तो अपने पति के कफन चिंता थी।
जो व्यक्ति खाना बांट रहा था उससे रेखा हाथ जोड़कर विनती करने लगी। साहब मेरे पति की मृत्यु हो गई । मेरे पास पैसे नहीं है कि मैं उसका अंतिम संस्कार कर पाऊं।
बाबूजी मुझे कुछ पैसे दे दो। वह कहकर फूट-फूट कर रोने लगी। वह व्यक्ति बहुत दयालु था। उसने रेखा को ₹500 दे दिए।
रेखा हाथ जोड़कर उसको हजारों दुआएं देने लगी। फिर वह अपने बच्चों के पास आई। छोटी बेटी को गोद में उठाया। बडी बेटी माँ का हाथ पकड़ के चलने लगी । रेखा तेज कदमों से दुकान पर पहुँच गई। उधर से उसने अंतिम संस्कार का सामान खरीदा।
फटाफट बच्चों को लेकर झोपड़े में पहुंच गई। शांम होने को थी। रात होने से पहले अंतिम संस्कार करना था। उसने इधर उधर देखा उसे कोई भी दिखाई नहीं दिया। उसने खुद ही पति का अंतिम संस्कार किया।
फिर वह झोपड़े वापस आ गई। बच्चों को एक जगह बैठा दिया। नल के नीचे जाकर बैठ गई।
जितने बहाव से पानी आ रहा था उसी बहाव से
अंदर -अंदर रो रही थीं। उसकी पीड़ा समझने वाला
वाला कोई नहीं था। उसे तो कल फिर भूख का इंतजाम करने निकलना था। उसे दुख मनाने का
भी अधिकार नहीं था।
...... एकता सिंह चौहान...
.......दिल्ली..।।
Sant kumar sarthi
21-Jan-2023 03:36 PM
शानदार
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Gunjan Kamal
20-Jan-2023 04:59 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻
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