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लेखनी-कविता-🌊नदियां🌊-24-Jan-2023

🌊🌊नदियां🌊🌊


💓💓💓❤️❤️❤️
🐟🐟🐟🐟🐟🐟

जीवन एक सागर हैं 
अनुभव इसमें नदियां हैं
बचपन जवानी बुढ़ापा पानी हैं
सुख दुःख नदिया के दो किनारे हैं

प्रेम एक पानी का बुलबुला हैं
बड़ा बुलबुला नदी का रूप हैं
सरिता का रूप भी हो सकता हैं
क्षीण और वर्दह रूप धरता हैं

जीवन नदी के रूप में बल खाता है
ऊबड़ खाबड़ रास्ते से गुजरता है 
प्यार भी नदी समरूप है
कई रूप धराता हैं
ऊंचे नीचे पहाड़ पठार पर
मनमौजी सा अठखेलियां करता है 

चाहे उत्श्रंखला रूप धरे
चाहें धरा में समाहित हो 
अंत में सागर रुपी पिया को पाता हैं 
सागर में मिलन की अभिलाषा
रुपी अंतिम परिणीति को पाता हैं
विजय पाने कि सदैव प्रेरणा देता हैं।।

✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर 


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12 Comments

Ajay Tiwari

25-Jan-2023 03:36 PM

Very nice

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VIJAY POKHARNA "यस"

27-Jan-2023 11:08 AM

🙏🙏

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Mahendra Bhatt

25-Jan-2023 10:04 AM

शानदार प्रस्तुति 👌

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VIJAY POKHARNA "यस"

27-Jan-2023 11:08 AM

🙏🙏

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Punam verma

25-Jan-2023 09:09 AM

Very nice

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VIJAY POKHARNA "यस"

27-Jan-2023 11:08 AM

🙏🙏

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