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देवी-स्तुति(16-12)

देवी-स्तुति(16/12)
संकट से जो सदा बचाएँ,
वह हैं माता रानी।
नौ रूपों में याद करे जग,
इनकी अमिट कहानी।।

जब-जब पाप बढ़े धरती पर,
माता यहाँ पधारें।
कर संहार सभी असुरों का,
महि को यही उबारें।
कभी चंडिका या बन गौरी,
ऋतु को करें सुहानी।।
       इनकी अमिट कहानी।।

दिव्य-स्वरूपा,करुणा-सागर,
बन माँ जग में आएँ।
रौद्र रूप भी धारण कर के,
ममता-नीर बहाएँ।
पूरी करतीं हर इच्छा को,
माँ शुभकर वरदानी।।
     इनकी अमिट कहानी।।

सिंह-वाहिनी दुर्गा माता,
दिव्य-शक्ति की दात्री।
ज्ञान-अर्थ के अमित कोष की,
माता ही हैं धात्री।
प्रेम-भाव से जो भी पूजे,
देतीं उसे भवानी।।
      इनकी अमिट कहानी।।

सुर-नर-मुनि की पूज्य मातु हैं,
माँ कल्याणी अपनी।
बिना भेद के फल माँ देतीं,
जैसी जिसकी करनी।
सुनकर भक्त-पुकार मातु हिय,
होता पानी-पानी।।
       इनकी अमिट कहानी।।
                ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                    9919446372

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1 Comments

Renu

25-Jan-2023 03:48 PM

👍👍🌺

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