Rakesh rakesh

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jan-2023 नदियों का ऐहसान

नदियों में उफान, प्रकृति का उत्थान,

 सांसे बड़े जीव जंतु को मिले प्राण।
 निर्मल नीर देकर नदियां करें ऐहसान,
 कौन माने यह ऐहसान शोषण करने को रहें तैयार।
 कूड़ा करकट फेंके, नागरिक महान।
 सफाई का हो काम, धन वोट कमाए नागरिक महान। 
नदियां बहती कुछ ना कहती सिर्फ देती, उसका कितना भी हो इस्तेमाल। 
ना समझ समझ नदियों से जीवन की खेती, 
 नदियां जाति धर्म से दूर ही रहती, नर नारी सबको जल देती।
 स्वर्ग की है अगर चाहा, तो कूड़े में अस्थियां ना बहा।

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9 Comments

Swati chourasia

01-Feb-2023 11:03 AM

Nice

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Vedshree

01-Feb-2023 08:12 AM

Nice

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Renu

25-Jan-2023 03:43 PM

👍👍🌺

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