Pk_prajapat

Add To collaction

शादी कर रही हो?

जच रही होगी वो अंगूठी, वो मेहंदी, वो कंगन सब तेरे हाथ पर मगर...

उस वक्त वो तेरे हाथों में थमा हुआ...हाथ मेरा नहीं होगा...!

मुझे अजीज वो लाल साड़ी, चूड़ी, पायल, बिछिया सब सजेगें तुम पर...
पूरे होते दिखेंगे अपने वो हर ख्वाब, पर फेरों के वक्त...साथ मेरा नहीं होगा...!

बंधन वो मेरी आशिकी का जिसमें बरसो रही तुम, पिंजरे समेत उड़ जाएगा...
हदों में बांधेगा वो भी, डर जरा खोने का उसमें भी होगा, पर वो...जज्बात मेरा नहीं होगा....!

तेरी मेहंदी का वो गहरा रंग जिसे तुम मेरे इश्क की गहराई बताती थी...
वो रंग बाद में भी चढ़ेगा पर उसमें छिपा कहीं..नाम मेरा नहीं होगा...!

वो बच्चे.. जिनका नाम रख दिया हमने मिलकर इस दुनिया में आने से पहले ही....
आएंगे वो भी इक दिन इस जमाने में, पर उनमें से कोई भी.. समजात मेरा नहीं होगा!

बेशक तेरा बादशाह न बन पाया मैं, रानी ना सही पर बेगम तो वह तुझे बना ही लेगा...
पूरी हो शायद तेरी हर जिद,सब ख्वाहिशें, पर उनसे कोई....तालुकात मेरा नहीं होगा..!

हारा हमारा इश्क नहीं हम दो नाकाम शख्स हारे हैं...
ख़यालों ख्वाबों में शायद मैं कभी आ भी जाऊँ
पर उस वक्त तेरे साथ... 
साथ मेरा नहीं होगा... !
साथ मेरा नहीं होगा... !
साथ मेरा नहीं होगा... !


   9
3 Comments

Renu

27-Jan-2023 03:03 PM

👍👍🌺

Reply

Punam verma

26-Jan-2023 08:27 AM

Very nice

Reply

Swati chourasia

26-Jan-2023 08:19 AM

बहुत खूब 👌

Reply