दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय मां शारदे मां सरस्वती
सरस्वती मां तुम्हे मै मनाती रहूं।
//////////////////////////////////
सरस्वती मां तुम्हे मै मनाती रहूं।
जब तलक हूं तेरे गीत गाती रहूं।
कर में पुस्तक तुम्हारे सदा शोभिती।
वीणा वादन से संसार मन मोहिती ।
हंस की कर सवारी मां आ जाइये,
थाल ले आरती बाट हूं जोहिती ।
मन मिलन के लिए मुस्कुराती रहूं।
जब तलक हूं तेरे गीत गाती रहूं।
तुम मिली न तो संसार बेकार है।
बिन तुम्हारे मिले,जीत भी हार है।
शक्तिसंपन्न हो जाऊँ पर तुम नही,
मां तेरे बिन मिला सार,बेसार है।
ज्ञान के दीप मन मे जगाती रहूं।
जब तलक हूं तेरे गात गाती रहूं।
मां तुम्हारी कृपा कोर मिलती रहे।
मन मिलन की लगन मां झलकती रहे।
कष्ट आऐ सहन शक्ति मां दीजिए,
मां"सुनीता"ये संकट को हंसकर सहे।
कष्ट पा मन को धीरज बंघाती रहूं।
जब तलक हूं तेरे गीत गाता रहूं।
सुनीता गुप्ता कानपुर उत्तर प्रदेश
Renu
27-Jan-2023 03:36 PM
👍👍🌺
Reply
Shashank मणि Yadava 'सनम'
27-Jan-2023 02:14 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और भाव
Reply
Gunjan Kamal
26-Jan-2023 11:23 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
Reply