हिंदी कहानियां - भाग 121
बीरबल हमेशा एक बात कहते थे कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।
बादशाह अकबर उसकी इस बात को हमेशा गलत ठहराते थे।
एक दिन तलवार को संभालते समय बादशाह की छोटी ऊँगली कट गयी। बीरबल ने तुरंत बादशाह से कहाँ - चिंता न करें, जो भी होता है उसके पीछे कोई कारण होता है और वह कारण अच्छे के लिए होता है।
बादशाह अकबर बीरबल की इस बात पर बहुत क्रोधित हुए और उसे जेल में डाल दिया।
बादशाह ने ऊँगली पर पट्टी बाँधी और कुछ दिन बाद मन बदलने के लिए जंगल में शिकार के लिए चल दिए।
कुछ देर बाद, वे शिकार दल से अलग हो गये और अचानक से कुछ आदिवासियों ने उन्हें घेर लिया, मानव बलि देने के लिए। बादशाह को बलि के बकरे की तरह बांधकर मंदिर तक लाया गया।
मंदिर के पुजारी ने जब बलि देने के लिए बादशाह का परीक्षण किया हो कहा कि यह बलि देने लायक नहीं है क्योंकि इसकी ऊँगली गायब है। यह जानकर बादशाह को छोड़ दिया गया।
महल वापिस लौटने पर बादशाह ने भगवान को अपनी ऊँगली कटने का धन्यवाद किया जिसके कारण उनका जीवन बच गया। वे फौरन बीरबल से मिलने जेल पहुंचे।
बीरबल, तुम्हें जेल में डालने के लिए माफी चाहता हूँ अब मैं समझ गया हूँ कि मेरी ऊँगली का काटना मेरे लिए किस प्रकार अच्छा था।
लेकिन मुझे बताओ ईश्वर ने मुझे तुम्हें जेल में क्यों डालने दिया। यह तुम्हारे लिए कैसे अच्छा था ?
बीरबल ने उत्तर दिया, जहाँपनाह, अगर मैं जेल में नहीं होता तो आप मुझे अपने साथ शिकार पर ले जाते और आदिवासियों द्वारा आपको छोड़ने पर, वे मुझे के लिए ले जाते।