हिंदी कहानियां - भाग 137
एक दिन भरे दरबार में राजा अकबर नें अपना अंगूठी खो दिया। जैसे ही राजा को यह बात पता चली उन्होंने सिपाहियों से ढूँढने को कहा पर वह नहीं मिला।
राजा अकबर नें बीरबल से दुखी मन से बताया कि वह अंगूठी उनके पिता की अमानत थी जिससे वह बहुत ही प्यार करते थे। बीरबल नें जवाब में कहा! आप चिंता ना करें महाराज, मैं अंगूठी ढून्ढ लूँगा।
बीरबल नें दरबार में बैठे लोगों की तरफ देखा और राजा अकबर से कहा ! महाराज चोरी इन्हीं दर्बर्यों में से ही किसी ने किया है। जिसके दाढ़ी में तिनका फसा है उसी के पास आपका अंगूठी हैा।
जिस दरबारी के पास महाराज का अंगूठी था वह चौंक गया और अचानक से घबराहट के मारे अपनी दाढ़ी को धयान से देखने लगा। बीरबल नें उसकी हरकत को देख लिया और उसी वक्त सैनिकों को आदेश दिया और कहा! इस आदमी की जांच किया जाए।
बीरबल सही था अंगूठी उसी के पास थी। उसको पकड़ लिया गया और कारागार में कैद कर लिया गया। राजा अकबर बहुत खुश हुए।