वानी

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देवांश का इंडिया आना

ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 6

             देवांश का इंडिया आना

हेलो फ्रेंड्स "कैसे हैं आप लोग"..."उम्मीद करती हूं अच्छे होंगे"... 
अब तक आपने पढ़ा की देवांश इंडिया आ रहा है दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर के डोडा इलाके में ब्लैक बैंगल्स कुछ लोगों को बहुत बुरी तरह से मारती है

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"अब आगे"

ब्लैक बेंगल्स उस आदमी को बहुत बुरी तरह से मार रही थी तभी उसे कुछ लोगों के कदमों की आवाज आती है .....वह समझ जाती है कि यह आवाज इंडियन आर्मी के सोल्जर्स के जूतों की आवाज है..वह लड़की अपना चेहरा काले कपड़े से ढक लेती है और फिर से उस आदमी को जिसे उसने बांध रखा था उसकी टांगों के बीच मारने लगती है.... 

अभय जब वहां पहुंचता है तो....सामने का नजारा देख अभय और उसके बाकी के साथी दंग रह जाते हैं!....और अपनी आंखें बड़ी बड़ी करके देखने लगते हैं उनका ऐसा रिएक्शन देख ब्लैक बेंगल्स को हंसी आ जाती है! ....वह मुस्कुराने लगती है लेकिन उसकी मुस्कान किसी को दिखती नहीं है क्योंकि उसने अपना चेहरा ढक रखा था... 

अब तक वो आदमी भी बेसुध हो चुका था ब्लैक बेंगल्स उस आदमी को एक और बार मारती है....कुछ देर उसको देखती है फिर अभय को देखकर उंगली से अपने पास आने का इशारा करती है! अभय उसके सामने आकर खड़ा हो जाता है..... ब्लैक बेंगल्स की नीली आंखें अभय को बहुत खूबसूरत लग रही थी और वह उसमें खोता चला जा रहा  था, जब वो लड़की देखती है कि अभय कुछ रिऐक्ट नही कर रहा है
तो वह  अभय के फोरहेड पर एक बार टेप करते हुए कहती है "अगर तुम्हारा घूरना हो गया हो तो थोड़ा काम भी कर लो"...अभय होश में आता है और थोड़ा घबराते हुए कहता है "स.. सो.. मेरा.. मतलब.. सो.... सॉरी"

ब्लैक बेंगल्स मुस्कुराते हुए अभय की आंखो मे देखते हुए कहती है... "मिस्टर अभय सिंह.....सन ऑफ धर्मेंद्र सिंह! यही नाम है ना तुम्हारा?......एक बात मेरी हमेशा याद रखना, एक फौजी अगर बहक जाए तो एक देश और उसकी जनता के लिए उससे बड़ा लॉस कोई नही होता".... 

अभय थोड़ा कन्फ्यूज होते हुए कहता है.... "मेरे बारे मे तुम इतना सब कैसे जानती हो"..... ब्लैक बेंगल्स  कहती है... 

जाओ और जाके "उसे चेक करो"... "ज़िंदा है या चल बसा"... अभय उस आदमी को चेक करता है और उस लड़की को देखते हुए कहता है "ही इस नो मोर".... वो लड़की कुछ नही कहती है.. और उस आदमी के पास अपने हाथों से कुछ बैंगल्स निकालकर फेंक देती है 

 और वहाँ से जाने लगती है कि अभय दुबारा कहता है..... "सबको आसान मौत इसे इतनी बुरी मौत देने की वजह"....... 
वो लड़की बिना पीछे मुड़े कहती है.... "मुझे बिस्तर की शोभा कह रहा था".... और वहाँ से चली जाती है... 
अभय एक नज़र उस आदमी को देखता है और कहता है... "सब दुशमन से उलझते हैं तु मौत से उलझ रहा था ये तो होना ही था"

वो लोग सबकी लाश को ठिकाने लगाने लगते हैं... वो लड़की बाहर आती है और किसी को कॉल करती है... "आपका काम हो गया".... और "मेरे जेट का क्या हुआ"... सामने से एक भारी आवाज आती है 

"शाबाश मेरी ब्लैक बैंगल्स"...वह लड़की मुस्कुरा देती है ....आप जानते हैं कि "ब्लैक बैंगल्स को आपने ही बनाया है"....और दिखावे का गुस्सा करते हुए कहती है  "लेकिन अगर मेरा जेट टाइम से नहीं पहुंचा तो सारी दुनिया जान जाएगी बैंगल्स है कौन".. 

सामने से एक आदमी के हंसने की आवाज आती है वह लड़की मुंह फुलाते हुए कहती है "आपको हंसी आ रही है".....जाइए हम "आपसे बात नहीं करते"...उस लड़की को नाराज होता देख सामने से वह आदमी कहता है
"अच्छा ठीक है प्रिंसेस हम मजाक नहीं करेंगे"........आप बस "नाराज मत होइए"...."आपका जेट बस पहुंचने ही वाला है" वह लड़की मुस्कुरा कर कहती है "अच्छा ठीक है अब आपसे बात अगली मिशन पूरा करने के बाद होगी"...वह आदमी ठीक है कहकर फोन काट देता हैहै. . 

फोन कटते ही लड़की को जेट की आवाज आ जाती है वह लड़की अपनी जेट की तरफ बढ़ जाती है और थोड़ी दूर पर खड़े होकर उसके उतरने का इंतजार करने लगती है .,.....जेट जैसे ही जमीन पर लैंड करता है उसमें से करीब "अठाईस 29 साल का एक लड़का बाहर आता है वह लड़का उस लड़की के पास आता है और एक्साइटिड होते हुए पूछता है ....
"तो तुम ही ब्लैक बैंगल्स हो".....लड़की अपने आगे पीछे देखते हुए कहती है "तुम्हें और कोई दिख रहा है क्या".....उस लड़की की बात सुन लड़का झेप जाता है
और अपनी बात संभालते हुए कहता है "मेरा मतलब है क्या मैं आपको देख सकता हूं "....वह लड़की उस लड़के को को घूर कर देखती है और कहती है

"तुम यहां किस काम से आए हो बताने का कष्ट करोगे"...लड़का खुश होते हुए कहता है "हां बिल्कुल"...."मैं यहां तुम्हें लेने आया हूं"
वो लड़की हल्के गुस्से मे कहती है... 
"तो जिस काम से आये हो वो काम करो जादा पूछ ताछ मत करो" "वरना गायब कर दिये जाओगे और किसी को पता भी नही चलेगा".. 

वो लड़की उस लड़के को छोड़ वहाँ से निकल जाती है...  वह लड़का भी उसके पीछे बड़बड़आता हुआ चल देता है ......"अरे मिस सुनो तो अरे...."मेरी बात तो सुनो"....वह लड़की जाकर जेट में बैठ जाती है और उसके पीछे ही वो लड़का भी, जेट में जाकर बैठ जाता है जेट अपनी मंजिल के लिए निकल जाता है 

वह लड़का अभी भी बोले जा रहा था ...."अरे आप एक बार अपना चेहरा तो दिखा दो......कम से कम मै  अपने दोस्तों से कह तो सकूं कि मैं ब्लैक बैंगल्स को जानता हूं
लड़की गुस्से में दांत पीसते हुए कहती है "अगर अब तुम चुप नहीं हुए तो मैं तुम्हें यहीं से धक्का दे दूंगी"......और तुम जानते हो "मैं कर सकती हूं "....उस लड़की की बात सुन वह लड़का चुप बैठ जाता है और खुद से ही कहता है " ये कर भी सकती है ".....लड़की मुस्कुरा कर कहती है "वेरी गुड"... 

उनका जेट दिल्ली के बॉर्डर पर रुकता है और वो लड़की वही उतर जाती है ....वह लड़की जेट से उतरकर जाने लगती है
तभी वह लड़का पीछे से आवाज देते हुए कहता है "अच्छा कुछ कह सकता हूं" अगर तुम नाराज़ ना हो.....वह लड़की उस लड़के की तरफ देखने लगती है तभी वह लड़का मुस्कुरा कर कहता है "मेरा नाम मेजर अर्जुन सिंह है"

और जहां तक मुझे लगता है "तुम उम्र में मुझसे छोटी हो"....और उसे एक कार्ड देते हुए कहता है....."यह मेरा कार्ड है एयर फोर्स में मेजर हूँ".......जिंदगी में "कभी भी जरूरत पड़े तो एक आवाज लगाना"...कहीं भी रहूं , किसी भी हाल में रहूं, "तुम्हारी एक आवाज पर तुम्हारे पास जरूर पहुंच जाऊंगा"....."एक ऑफिसर ना सही" "एक बड़े भाई की हैसियत से कह रहा हूं"......उम्मीद करता हूं अपने बड़े भाई पर भरोसा रखोगी

और अर्जुन वहां से मुड़कर जाने लगता है तभी पीछे से वह लड़की कहती है ....."जिसकी किस्मत मैं बर्बाद होना ही लिखा हो"....उसे कोई भी "रिश्ता रोक नहीं सकता"....और "यह बर्बादी मैंने खुद चुनि है"....."माफ करिएगा मैं चाह कर भी यह राज आपको नहीं बता सकती"

अर्जुन बिना मुड़े  कहता है......"मैंने तुमसे तुम्हारा कोई राज़ पूछा ही नहीं है"......"मैंने बस तुम्हें बताया है"...की दुनिया में "तुम्हारा एक बड़ा भाई है जो तुम्हारे साथ हर वक्त खड़ा है"....चलता हूं "अपना ख्याल रखना"

अर्जुन वहां से चला जाता है और वह लड़की वही खड़ी अपनी नम आंखों से उसे जाते हुए देखते रहती है और थोड़ी देर बाद वह भी वहां से चली जाती है

"दिल्ली एयरपोर्ट"

देवांश का प्लेन जैसे ही एयरपोर्ट पर लैंड होता है देवांश अपने वाइट शर्ट और ब्लैक फॉर्मल पैंट में बाहर निकलता है ......उसी के साथ रॉकी भी बाहर आता है दोनों ही एयरपोर्ट से बाहर की तरफ चल देते हैं

 वहां की सारी लड़कियां उन्हें देखते हुए आहें भर रही थी आखिर देवांश लग ही इतना हैंडसम रहा था......देवांश और रॉकी बाहर आकर कार में बैठकर वहां से निकल जाते हैं
रॉकी देवांश से पूछता है "कहां चलना है"....देवांश अपने मोबाइल में कुछ करते हुए कहता है

"ब्लू माउंटेन ( काल्पनिक नाम) बार चलो"......"लेकिन वहां क्यों" रॉकी हैरान होते हुए कहता है ......."मुझे नहीं लगता कि तुम्हें हर सवाल का जवाब देना जरूरी है".... देवांश हल्के गुस्से मे कहता है.......देवांश की बात सुन रॉकी खामोश हो जाता है और गाड़ी ब्लू माउंटेन बार की तरफ मोड़ लेता है

बार पहुंचकर देवांश जल्दी से गाड़ी से उतरता है और बार के पीछे बने एक छोटे से घर में चला जाता है......रॉकी भी उसके पीछे जाता है देवांश और रॉकी जब अंदर आते हैं वहां एक आदमी चेयर से बंधा होता है जिसकी उम्र करीब 60 से 65 साल के बीच की होगी देवांश उसके सामने रखी चेयर पर जाकर बैठ जाता है और उस आदमी को घूरते हुए कहता है.... 

"एक पैर जमीन पर है और एक कब्र में".....फिर भी "इमानदारी छूट नहीं रही है"....."आखिर क्या करोगे इतनी ईमानदारी का"...जब जान ही नहीं रहेगी 
वह आदमी देवांश को घूरते हुए कहता है "तुम्हारे डाक्यूमेंट्स मैं कभी पास नहीं होने दूंगा".....नहीं होने दूंगा.....क्योंकि "जिस ड्रग्स को तुम पास करवाना चाहते हो दवाइयों का नाम देकर.....वह "इंडियन यूथ के लिए जहर का काम करेगी"

और "इस जहर को मैं अपने देश में लाने की अनुमति कभी नहीं दूंगा चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े"....देवांश ऊबते हुए कहता है तुम बुड्ढों की ना यही दिक्कत है खुद की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं और चले हो देश बचाने

"तुम्हें इस कुर्सी से हटा कर किसी और को बिठाने मैं मुझे ज्यादा वक्त नहीं लगेगा "....लेकिन तुम्हें शायद ऊपर जाने की बहुत जल्दी है तो ठीक है जैसी तुम्हारी इच्छा "रॉकी शूट हिम"... 

देवांश का इतना कहना था कि रॉकी उस आदमी को शूट कर देता है देवांश अभी उठा भी नहीं था तभी देवांश रॉकी को तिरछी नजर से देखते हुए कहता है "तुम्हें बहुत जल्दी रहती है गोली मारने की".....अरे "मैं तो बस डराना चाहता था".... "लेकिन नहीं तुम्हें तो बस गोली चलाना है"....."अरे भाई कम से कम उठ तो जाने देते" रॉकी सर झुकाते हुए कहता है "सॉरी बॉस"

देवांश उठते हुए कहता है "अच्छा अच्छा ठीक है"....फिर वहां से बाहर निकलते हुए कहता है "इसकी जगह किसी और अधिकारी को बैठाने का इंतजाम करो".....और "मेरे पटना जाने का क्या हुआ" रॉकी उसके पीछे चलते हुए कहता है "सारा इंतजाम हो गया है आप जब कहे तब निकलते हैं......देवांश कुछ देर खामोश रहता है फिर कहता है
"बहुत दिन हो गए नए कपड़े नहीं लिए चलो आज शॉपिंग करते हैं" फिर दोनों शॉपिंग मॉल की तरफ बढ़ जाते हैं.... 

दोनों मॉल आते हैं रॉकी कार पार्क करने चला जाता है और देवांश अंदर की तरफ बढ़ जाता है उसका ध्यान अपने फोन पर था तभी एक लड़की उससे आकर टकरा जाती है ......लेकिन उसका चेहरा उसकी दुपट्टे से ढका था देवांश को बस उसकी आंखें दिख रही थी उस लड़की की वह ग्रे कलर की आंखें देवांश को उसकी तरफ आकर्षित कर रही थी... 

वह लड़की देवांश को धक्का देती है और कहती है  "बदतमीज इतना  कहकर वहां से निकल जाती है ........देवांश स्तब्ध खड़ा  बस उसे जाते हुए देखते रह जाता है वह खुद से ही कहता है "बदतमीज और मै इंटरेस्टिंग" और मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाता है

कौन है वह लड़की जो देवांश से टकराई है?  पटना मैं कौन सा तूफान लाने वाला है देवांश? देवांश का अगला शिकार कौन होगा" कौन है वह शख्स जिसने ब्लैक बैंगल्स को बनाया है और ब्लैक बैंगल्स को बनाने के पीछे उस का क्या मकसद है? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स और कहानी आपको कैसी लग रही है यह बताना ना भूले? 

"खुश रहिए आबाद रहिए हरियाणा रहिए  या सिकंदराबाद रहिए मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए....

..........बाय बाय.......

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5 Comments

KALPANA SINHA

11-Aug-2023 10:52 AM

Nice part

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madhura

10-Aug-2023 03:00 PM

Nice

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Varsha_Upadhyay

01-Feb-2023 07:13 PM

Nice 👍🏼

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