वानी

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अनजान नंबर से मेसज

ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 8

        अनजान नंबर से मेसज

वेलकम बैक फ्रेंड्स कैसे हैं आप लोग उम्मीद है आप सब अच्छे होंगे.. अब तक आपने पढ़ा देवांश की मुलाकात ज्योति से होटल मे होती है जो की कबीर की दोस्त है. .. ज्योति पटना के लिए निकलती है... तो उसे एक नया दोस्त मिलता है जिसका नाम यश है.... 

"अब आगे"

यश मुस्कुराते हुए कहता है "आपसे कुछ कहु अगर आपको बुरा ना लगे तो".... ज्योति मुस्कुराते हुए हल्का सा यश की तरफ झुक कर कहती है.. "अगर मना करूँगी तो नही बोलोगे".... यश थोड़ा हिचकिचाते हुए कहता है... 
"नहीं..मतलब हाँ....मतलब नही...नही मतलब हाँ"... देखो तुम फसा रही हो.,... यश की हालत देख ज्योति को हसी आ जाती है.. ज्योति कुछ सैकेंड्स उसको ऐसे ही देखती है फिर ज़ोर ज़ोर से हसने लगती है.... यश उसकी हसी मे खो सा जाता है... 
और अनायास ही उसके मुह से निकल जाता है " तुम बहुत खूबसूरत हो"... ... यश की तारीफ सुन ज्योति एक दम से खामोश हो जाती है.. 

ज्योति उसे घूर कर देखती है और हल्के गुस्से में कहती है मैंने सिर्फ तुमसे दोस्ती की है इसका ये मतलब नही की तुम्हे कुछ भी कहने का लाइसेंस मिल गया... और अपने मोबाइल मे कुछ देखने लगती है.. 

यश को थोड़ा बुरा लगता है की क्यों उसने बिना सोचे तारीफ कर दी... यश एक गहरी सांस छोड़ता है और ज्योति की तरफ देख कर कहता है.... अच्छा आई एम सॉरी दुबारा ऐसी गलती नही होगी एक बार माफ कर दो प्लिज और अपने कान पकड़ लेता है

उसे ऐसे देख ज्योति को वो बहुत क्यूट लगता है ठीक है अगली बार से ध्यान रखना...ओके डन यश जल्दी से कहता है.... तभी उनकी ट्रेन आ जाती है.... दोनों अपनी सीट पर बैठ जाता है.. 

"तुम्हारी सीट मेरी सीट के सामने ऐसा कैसे हो सकता है"... ज्योति कंफ्यूज होते हुए पूछती है... यश कुछ पल उसे देखता फिर अपनी नज़रे बाहर की तरफ घुमाते हुए कहता है..... 

कुछ इत्तेफाक , इत्तेफाकन ही हो जाते हैं

कुछ लोग अचानक ही मिल जाते हैं

और मुस्कुरा देता है.... ज्योति अपना सिर हिला देती है.... और दोनों निकल पड़ते हैं अपने सफर पर इस सफर की मजिल खतम होगी या कोई नया सफर शुरू होगा ये तो उपर वाला ही तय करेगा.... 

ट्रेन में ज्योति और यश अपने सफर का मजा ले रहे थे वहीं दिल्ली में आर्मी हेडक्वार्टर  में तहलका मचा हुआ था... 

"दिल्ली आर्मी हेडक्वार्टर"

यहाँ का माहौल इस वक़्त थोड़ा टेन्सड था..... दिल्ली के सारे आर्मी ऑफिसर्स बैठे थे उनमे से एक यंग ऑफिसर कहता है..... "सर मुझे लगता है हमे हाइयर ऑथोरिटी से बात करनी चाहिए".... उन सबके बीच मे जेनरल बिक्रम सिंह बैठे थे और सबकी बात सुन रहे थे... 

ऑफिसर की बात सुन बिक्रम सिंह कहते है.... "उसके लिए हमारे पास कोई प्रूफ होना चाहिए"... 

एक और ऑफिसर कुछ सोचते हुए कहता है "ये जो भी है.. है एक लड़की ही".. लेकिन एक अकेली लड़की इतनी पॉवरफुल कैसे हो सकती है".... "या लड़की के नाम पर ये काम किसी आदमी का है".. 

उस ऑफिसर की बात सुन बिक्रम सिंह मुसुकुरा कर ना मे सर हिला देते हैं... 

तभी एक और ऑफिसर कहता है... नही...."है तो वो लड़की ही" क्योंकि  सुना है "एक ऑफिसर ने उसे देखा है"... और ये भी सुना है की "उसकी आँखे नीली हैं"... दो ही पहचान है उसकी.... "एक काली चुड़ियाँ दूसरी उसकी नीली आँखे"... 

एक और ऑफिसर कुछ सोचते हुए कहता है... "लेकिन अगर वो लड़की है भी तो उसने अभी तक आर्मी के किसी भी जवान को कोई नुकसान नही पहुंचाया है".... इन्फैक्ट् "वो लड़की उन्हें बहुत सी इंफॉर्मेशन देती है और बहुत से टेररिस्ट को भी उसने मारा है"...."हम उसे गलत नहीं कह सकते क्योंकि वह सिर्फ टेररिस्ट को मारती हैं"

" किसी भी आर्मी सोल्जर को नहीं"......तभी उनमें से एक और सोल्जर कहता है....."लेकिन फिर भी हमारा यह जानना जरूरी है कि कौन है सिविलियन है, एजेंट है ,या कोई आर्मीपर्सन......ऐसे "अचानक से आना और अचानक से गायब हो जाना"

 "किसी भी आम इंसान के लिए इतना आसान नहीं है"....और वह भी वहां से जहां पूरी आर्मी फोर्स हो"....."उसकी मदद कोई पावरफुल इंसान कर रहा है".......

अभय जो अब तक खामोश था वह बोलता है "मैंने उसे बहुत करीब से देखा है".....उसका इतना कहना था कि सारे ऑफिसर उसे घूरने लगते हैं........तभी विक्रम सिंह कहते हैं "अगर तुमने उसे देखा है तो तुम्हें पता होगा कि वह कौन है".....अभय सीधा खड़ा होते हुए कहता है

" हां मैंने उसे देखा जरूर है लेकिन जब वह मेरे सामने थी उस वक्त उसने कुछ टेरेरिस्ट को मारा था"....."जिनके पास बहुत से खतरनाक हथियार थे और वह शायद हमारे आर्मी कैंप पर हमला करने आए थे"
" उसने सबको गोली मारी लेकिन उनमें से सिर्फ एक इस शख्स को उसने दोनों पैरों के बीच में तब तक मारा जब तक वो मर नहीं गया" मैंने उससे जब पूछा तो उसने मुझसे कहा कि "उस आदमी ने उसे कहा था कि उस जैसी लड़कियां सिर्फ बिस्तर पर अच्छी लगती हैं"

 इसलिए उसने उस आदमी को इतनी बुरी तरीके से मारा था
"ब्लैक बैंगल्स कोई आम लड़की नहीं है"....मैंने उसकी आंखों में एक गुस्सा देखा है...."ब्लैक बैंगल्स बहुत खूबसूरत है लेकिन उतनी ही खतरनाक भी".....उसके पीछे किसी बहुत पावरफुल इंसान का हाथ है क्योंकि "जब मैंने उसका पीछा किया था तब मैंने देखा था कि उसे लेने कोई प्राइवेट जेट आया था".....और उसमे बैठा हुआ  शक्स जो उसे लेने आया था वह कोई सिविलियन नहीं एयर फोर्स का कोई ऑफिसर था"
मुझे "उसका नाम बहुत अच्छे से याद तो नहीं"....लेकिन मै उससे एक बार मिल चुका हूं "वह हमें उसके बारे में बता सकता है"........लेकिन चेहरा तो उसने भी नहीं देखा क्योंकि उसने अपना चेहरा ढक रखा था .....इतना कहकर अभय शांत हो जाता है
विक्रम सिंह सब को देखते हुए कहते हैं "किसी और को कुछ कहना है क्या".......सब ना में सर हिला देते हैं ठीक है फिर मीटिंग यही खत्म करते हैं
इस बारे में "मैं हायर अथॉरिटी से बात करूंगा" और अगर जरूरत पड़ी तो प्रेसिडेंट और प्राइम मिनिस्टर से भी तब तक के लिए अगर किसी को भी, कुछ भी , मालूम चलता है या कोई भी सबूत मिलता है तो  "मुझे इन्फॉर्म करें"....और "देवांश की एक्टिविटीज पर
कड़ी नजर रखें"...सारे ऑफिसर्स खड़े होते हैं और विक्रम सिंह को सैल्यूट करके वहां से निकल जाते हैं

"ट्रेन में"

रात के करीब 2:00 बज रहे थे और ज्योति अपनी सीट पर आराम से सो रही थी इस बात से बेखबर की 2 जोड़ी नजरें उसे लगातार देखी जा रही है यश जो काफी देर से ज्योति को देखे जा रहा था वह खुद से ही कहता है
Suno

"तू मेरे गले का हार है
तुमसे मोहब्बत बे हिसाब है"

"तू मेरी धड़कनों में शुमार है
तुमसे मेरी जिंदगी में बहार है"

"तू मेरे चेहरे की मुस्कान है
जैसे गुलाबो से सजा गुलदान है"

"तू मेरी आंखो का नूर है
तुमसे महफिल मेरी पुरनूर है"

"तू मेरी सांसों मैं भी शुमार है
जैसे मेरी जान मैं तुम्हारी जान है"

"खाक हो जाऊ तेरी आगोश में ए हमसफर
जैसे रोशन शमा पर होता परवाना खाक है"

इतना कहकर यश के चेहरे पर एक मुस्कान खेलने लगती है और वह देखते देखते नींद की आगोश में चला जाता है दोनों आने वाले कल से बेखबर आराम से सो रहे थे अपने साथ आने वाला कल क्या लेकर आने वाला था इस बात से बेखबर दोनों खामोश थे

अगली सुबह
ज्योति की जब आंख खुलती है तो उसकी नजर सीधा सामने सो रहे यश पर जाती है जो किसी बच्चे की तरह खुद को गले लगाए सो रहा था.....उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान थी ज्योति के चेहरे पर भी उसे देख मुस्कान आ जाती है और वह उठ कर फ्रेश होने चली जाती है.....थोड़ी देर मैं वह फ्रेश होकर वापस आकर अपनी सीट पर बैठ जाती है तभी उसका  फोन बजता है जब ज्योति फोन चेक करती है तो उसमें किसी अननोन नंबर से मैसेज आया था ज्योति जैसे ही वह मैसेज पड़ती है उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है.... 

किसका मैसेज था? और ऐसा क्या लिखा था मैसेज में जिससे ज्योति इतनी हैरान हो गई? क्या इंडियन आर्मी ब्लैक बैंगल्स को ढूंढ पाएगी? कौन है वह पावरफुल इंसान जो इन सब में ब्लैक बैंगल्स की मदद कर रहा है? 

इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक खुश रहिए आबाद रहिए दिल्ली रहिए या धनबाद रहिए और कहानी कैसी लग रही है यह भी बताते रहिए 

.............बाय बाय........

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5 Comments

KALPANA SINHA

11-Aug-2023 10:53 AM

Nice part

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madhura

10-Aug-2023 03:03 PM

Nice

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Varsha_Upadhyay

01-Feb-2023 07:12 PM

Nice 👍🏼

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