वानी

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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 22

ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 22

      विराज की बगावत और अरमान की धमकी

अब तक अपने पढ़ा कैसे देवांश  ब्लेक बेंगल्स से मिलता है... ज्योति को तेजा और शेख ने पकड़ लिया है वो भी आर्या के दोस्त की मदद से... अरमान और जसप्रीत विराज को बाहर जाने से रोकते हैं... और जैसा ज्योति ने प्लेन किया था उसे ही फॉलो करने का सोचते हैं.... 

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"अब आगे "
 
विराज कहता है.. "मुझे तुम्हारे ऑर्डर और तुमहारे रूल्स से कोई फर्क नही पड़ता है... मुझे बस इस बात से फर्क पड़ता है.. की वो मुसीबत मे है... और मै उसे अकेला नही छोड़ सकता"

अरमान को अब गुस्सा आने लगा था... अरमान ऑर्डर देने वाले लहजे मे कहता है... "विराज अगर तुमने मेरा ऑर्डर नही माना तो मै तुम्हे इसी वक़्त इस मिशन से बाहर कर सकता हूँ" 

अरमान की बात सुन विराज उसे घूरते हुए कहता है... "आई डोंट केर"... इतना केहकर विराज जाने लगता है....इस बार आर्या कहता है... " तुम्हे उसकी कसम है..तुम्हे अरमान के ऑर्डर मानने होंगे"..उसके बाद थोड़ा रुक कर आर्या फिर कहता है.."हमारे पास ज़ादा वक़्त नही है.. लेट्स गो "
इतना केहकर आर्या बाहर निकल जाता है.. और विराज वही खामोश खडा रह जाता है... 

अरमान उसके कंधे थपथपाते हुए कहता है.... "उसे कुछ नही होगा"
अरमान और जसप्रीत भी कंट्रोल रूम से निकल जाते हैं.... विराज वही बैठ कुछ सेटिंग्स करते हुए कहता है... "अगर उसे कुछ हुआ... तो पूरी दुनिया को आग लगा दूँगा" विराज की आँखे इस वक़्त गुस्से मे लाल थी... 

दूसरी तरफ तेजा और शेख के आदमी मीरा और निर्जला को पकड़ कर नीचे बीच हॉल मे ले आते हैं... 
तेजा निर्जला की तरफ देखते हुए कहता है... "बांध दो इसे"
फिर ज्योति के गालो पर अपनी एक उंगली फेरते हुए कहता है.... "इसे तैयार करो....ज़रा हम भी तो देखे कितनी खूबसूरत होती हैं ये आर्मी ऑफिसर्स".. 

कुछ वेट्रेस ज्योति को अपने साथ ले जाती हैं....वहीं अरमान अविनाश को ढूंढ रहा था.... आर्या कुछ देर सोचता है.. फिर जान बुझ कर होटल के मेनेजर पर अट्टेक करता है... आर्या जैसे ही उसपर गोली चलाने वाला होता है... 
तभी मनेजर का बॉडीगार्ड उसे देख लेता है... और सबके सामने ले आता है.... 
शेख आर्या को देखते हुए कहता है... "ये आर्मी वालो को भी चैन नही है... इन्हे अपने जवानों की बलि देने मे कितना मजा आता है"
शेख जैसे ही आर्या को गोली मारने वाला होता है... तेजा उसे रोकते हुए कहता है... 
"जाने दो उसे.. अभी मत मारो आखीर इतना रिस्क लेकर आया है ये भी तो देखे इसकी ऑफिसर कितनी खूबसूरत है...इसे भी उस लड़की के साथ बांध दो".. 

आर्या को भी निर्जला के साथ बांध देते हैं... आर्या की नज़र जब निर्जला पर पड़ती है... वो हैरान होते हुए कहता है... "तुम कौन हो"
निर्जला शांत भाव से केहती है "निर्जला रॉय"... 
आर्या उससे पूछता है "तुम इतनी बदसूरत कैसे हो गई".. निर्जला एक दर्द भरी मुस्कान के साथ कहती है 
"मेरी जिंदगी को कालिख से बचाने के लिए उसने कालिख अपनी किस्मत में लिखा है"

आर्या कंफ्यूज होते हुए पूछता है "तुम कहना क्या चाहती हो..मेरे समझ मे कुछ भी नही आ रहा है"
तभी निर्जला कहती है .."याद है तुम्हें मीटिंग के बाद तुम्हारी ऑफिसर ने मुझे रोक लिया था..इसीलिए रोका था"..आर्या कंफ्यूज होते हुए कहता है "तुम्हे काली करने के लिए...लेकिन यह सब हुआ कैसे" तभी निर्जला उसे उस दिन की सारी बात बताने लगती है

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"फ्लैशबैक"

सब के बाहर जाने के बाद ज्योति कमरे का दरवाजा अंदर से  बंद कर देती है और निर्जला को देखते हुए कहती है "जो मैं तुमसे अभी कहने वाली हूं उसे ध्यान से सुनना और वही तुम्हें करना है"..निर्जला हाँ मे सर हिला देती है 

ज्योति उसे काजल का एक डब्बा देते हुए कहती है "कल तुम इसे अपने पूरे चेहरे पर लगाकर आओगी उस होटल मे"...निर्जला चिढ़ते हुए कहती है "लेकिन मैं इसे क्यों लगाऊं...मुझे बदसूरत दिखने का कोई शौख नही है"
 
 ज्योति उसे एक नजर देखती है और केहती है  "कभी-कभी कुछ पल की खूबसूरती जिंदगी भर की बदसूरती बन जाती है...इसलिए जितना मैं कह रही हूं उतना करो"..निर्जला नाराज होते हुए कहती है "लेकिन यह गलत है तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती"

ज्योति थोड़ा नाराज होते हुए कहती है "हम वहां मिशन पर जा रहे हैं तुम्हारे लिए बॉयफ्रेंड ढूंढने नहीं, जो तुम्हारा खूबसूरत लगना जरूरी है"....निर्जला कहती है लेकिन.. 

ज्योति उसकी बात काटते हुए कहती है "अरमान तुम्हें इसलिए पसंद नहीं करता क्योंकि तुम खूबसूरत हो..हर मर्द सूरत पर नहीं मरता इसलिए जितना कहा जा रहा है उतना ही करो अब तुम जा सकती हो" निर्जला गुस्से में वहां से चली जाती है.. 

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"फ्लैशबैक एंड"

"तुम्हारी ऑफिसर जानती थी कि ऐसा कुछ हो सकता है , इसलिए उसने मुझे बदसूरत कर दिया और खुद खूबसूरत बन गई, अजीब है तुम्हारी ऑफिसर भी सब के बारे में सोचती है लेकिन खुद के बारे में नहीं सोचती है"

आर्या कहता है "उसकी आदत है उसके लिए उसका देश और उसके देश के लोग उसके लिए उससे ज्यादा मायने रखते हैं इसलिए ..कोई बात नहीं वह सबके लिए सोचती है मैं और अरमान उसके लिए सोचते हैं"...इतना कहकर आर्या अपनी एक आंख दबा देता है

 निर्जला शौक में बस उसे देखती रह जाती है
फिर आर्या का मजाक उड़ाते हुए कहती है ....."तुम खुद को तो बचा नहीं सकते , उसे कैसे बचाओगे"...आर्या एक मिस्टीरियस स्माइल करता है और कहता है "देखते जाओ आगे आगे होता है क्या".....इतना कहकर आर्या मुस्कुरा देता है

फिर अपने हाथ दिखा देता है निर्जला हैरान होते हुए कहती है तुम्हें तो इन  लोगों ने बांधा था ना....आर्या एटीट्यूड के साथ कहता है 
"आर्या  को उसकी मर्जी के बिना कोई नहीं बांध सकता"
तो इन लोगों की इतनी हिम्मत कि ये लोग मुझे बांध देंगे कभी नहीं...वैसे तुम भी मुझे बंधी हुई अच्छी नहीं लग रही हो तो एक काम करो अपनी रस्सी खुद काट लो"
 इतना कहकर आर्या एक छोटा सा ब्लेड निर्जला की तरफ बढ़ा देता और ब्लेड देते हुए कहता है...."जैसी हो वैसे ही चुपचाप खड़ी रहना शोर मत करनाble" निर्जला ब्लेड ले लेती है और अपनी रस्सी काटने लगती है.. 

अरमान अविनाश को ढूंढते हुए उसके रास्ते में जो भी आ रहा था उसे खामोशी से मारते जा रहा था .....दूसरी तरफ होटल के एक खुफिया रास्ते से जसप्रीत किसी लड़की को अंदर लेकर आता है और उसे सबसे बचाकर होटल के कमरे में छिपा देता है... 

क्या अरमान अविनाश को ढूंढ पाएगा? क्या विराज ज्योति को बचा पाएगा ? कौन है वो लड़की जिसे जसप्रीत ने होटल के कमरे में छुपाया है ? क्या करने वाला है जसप्रीत ? 
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स मिलते हैं अगले चैप्टर में 
         
               ..........बाय-बाय.......

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3 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:04 AM

Nice part

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:08 PM

Nice part 👌

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Gunjan Kamal

29-Jan-2023 11:34 AM

बेहतरीन भाग

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