वानी

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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 25

ब्लैक बेंगलुरु चैप्टर 25 

       ज्योति और देवास का पास्ट

अब तक आपने पढ़ा गोली लगने से ज्योति बेहोश हो जाती है...ज्योति के बेहोश होने से सब मिशन को उसी के प्लान के अकॉर्डिंग खत्म करने का प्लान बनाते हैं...लेकिन तभी वहाँ ब्लैक बेंगलस आ जाती है और एक ही बार में सारा खेल खत्म कर देती है ज्योति को जब होश आता है उसके पास एक कॉल आता है सामने वाले की बात सुन उसकी आंखें नम हो जाती हैं

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"अब आगे"

ज्योति सब से बात कर रही थी तभी उसका फोन बजता है ज्योति सब को देखते हुए कहती है...."एक अर्जेंट कॉल है प्लीज"...उसके बाद सब बाहर चले जाते हैं 
ज्योति जैसे ही फोन उठाती है सामने से आवाज आती है.."सुबह के 10:00 बज रहे हैं...2:00 बजे तक दिल्ली हेड क्वार्टर में रिपोर्ट करो और वो कैसे करना है...ये तुम्हारी समस्या है...और देवांश से रिलेटेड किसी भी मिशन से तुम दूर रहोगी" 
इतना कहकर सामने वाला शख्स फोन काट देता है सामने वाले की बात सुन ज्योति की आँखे नम हो जाती हैं... ज्योति जल्दी से बाहर भागते हुए निकल जाती है बाहर आकर  सब को देखते हुए कहती है "मिशन सक्सेसफुल रहा...लेकिन यह सिर्फ आप लोगों की वजह से हुआ है इसके लिए आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद ...आप सबको अब अपने-अपने काम पर चले जाना चाहिए आप सब से मिलकर मुझे अच्छा लगा अब मैं चलती हूं"

इतना कहकर ज्योति वहां से जल्दी में निकल जाती है विराज ज्योति को रोकने की बहुत कोशिश करता है लेकिन ज्योति वहां से निकल जाती है...अरमान विराज के कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है.."कोई बात नहीं..वो ऐसी ही है"
 विराज खोए हुए स्वर ने कहता है "नहीं वह ऐसी नहीं है लेकिन क्यों ऐसी हो गई है ये मैं पता लगा कर रहूंगा"

विराज अरमान को देखते हुए कहता है...."तुम भी तो काफी साल से हो ना उसके साथ, क्या तुम कुछ जानते हो"  अरमान कुछ सोचते हुए कहता है..."नहीं ज्यादा कुछ तो नहीं लेकिन बस इतना कि जब से उसने जॉइन किया है..उसने देवांश के मिशन को..या यूं कहें देवांश को बर्बाद करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है...बहुत से मिशन को अंजाम दिया है...ताकि लोग उसपर भरोसा कर सके...मैंने उसे जब भी देखा है उसकी आंखों में देवांश के लिए नफरत ही देखा है...बस इस नफरत की वजह मैं आज तक नहीं समझ पाया"

"इसके अलावा मैंने उसे पहली बार हंसता मुस्कुराता या मजाक मस्ती करते हुए  तुम्हारे साथ ही देखा है"
आर्या अरमान से कहता है "हमें भी चलना चाहिए , अरमान आर्या को देखते हुए कहता है "आर्या तुम तो उसे बहुत अच्छे से जानते हो ना ...जहां तक मैं जानता हूं तुम उस पर नजर रखते थे...तुम्हें कुछ पता है...उसकी नफरत की वजह"

 आर्या कहता है "मैंने बहुत कोशिश की उसे जानने की, उसे समझने की, लेकिन वह सिर्फ प्रोफेशनली बातें करती है अपने बारे में कभी उसने कुछ कहा ही नहीं, दुनिया में शायद यह दो ऐसे शख्स हैं..जिनका पास्ट कोई नहीं जानता...एक ये देवांश और दूसरी मिस कैप्टन...इन दोनों से तो भगवान ही बचाए"

 विराज आर्या से कहता है "तुम पसंद करते हो उसे"...;आर्या थोड़ा उदास होते वह कहता है.."उसे कौन पसंद नहीं करेगा , पॉइंट यह है वह किसे पसंद करती है, खैर कोई बात नही " 

तीनों एक बार एक दूसरे को देखते हैं फिर अरमान कहता है हमें चलना चाहिए उसके बाद तीनों अपने अपने रास्ते चल देते हैं

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"पटना"

देवांश को पूरी रात नींद नही आई थी..... "कौन हो कहाँ हो बस एक बार मेरे हाथ लग जाओ" देवांश के चेहरे पर एक डेविल स्माइल् थी

तभी रॉकी कमरे मे आता है... "बॉस उन लड़कीओं को उठवा लिया है....लेकिन बात ये है की नीली आँखो वाली लड़कीआं इंडिया मे नही होती हैं, ज़ादातर यूरोपियन कंट्री मैं ऐसे लोग होते हैं , जीनकी आंखें नीली होती है , इंडिया में मोस्टली काली और भूरी आंखों वाले ही लोग होते हैं लेकिन मुझे दो लड़कियां ऐसी मिली है जिनकी हाइट 5"4 है और आंखें नीली 
इत्तेफाक की बात यह है , दोनों जम्मू कश्मीर से है"

 देवांश कुछ देर सोचता है फिर कहता है ...."दोनों को मेरे कमरे में ले आओ"...रॉकी कहता है "जी बॉस" और कमरे से निकल जाता है करीब 2 घंटे बाद रॉकी देवांश के कमरे में आता है उसके साथ दो लड़कियां थी जिन्होंने कश्मीरी कपड़े पहने थे रॉकी दोनों को सोफे पर बैठा देता है

देवांश दोनों को बहुत ध्यान से देख रहा था वह दोनों लड़कियां नजरे झुकाए बैठी थी देवांश 10 मिनट तक उन्हें लगातार देखता रहता है और फिर बाहर देखते हुए कहता है "जहां से उठा कर लाए हो वहां वापस भेज दो, इन दोनों में से कोई भी ब्लैक बैंगल्स नहीं है"

 रॉकी कंफ्यूज होते हुए कहता है "लेकिन आपने जैसा कहा था यह दोनों बिल्कुल वैसी ही है"
देवांश कुछ सोचते हुए कहता है "नहीं यह दोनों वो नहीं है , वो कभी नजरें नहीं झुकाती...उसकी आंखों में मैंने  डर नही देखा है, बेखौफ  कोई भी काम करती है, उसकी आंखों में डर नहीं होता वो यह हो ही नहीं सकती....जाओ जहां से लाए हो वहीं छोड़ आओ 

रॉकी कहता है "लेकिन बॉस"..देवांश उसकी बात काटते हुए कहता है "मैंने कहा गेट आउट"..रॉकी कहता है "ओके बॉस" और उन दोनों को लेकर बाहर निकल जाता है

देवांश दीवार पर हाथ मारते हुए गुस्से में कहता है "जिसे कोई मर्द तक चैलेंज नहीं कर सकता ...उसे तुमने औरत होकर चैलेंज किया है वादा करता हूं जब भी मिलोगी, जिस दिन भी मिलोगी तुम्हारा वह हश्र करूंगा कि तुम्हारी रूह कांप जाएगी" देवांश किसी को कॉल करता है और कहता है मेरे दिल्ली जाने का इंतेज़ाम करो इतना कहकर  देवांश कॉल कट कर देता है.... 

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"दिल्ली"

करीब 1:45 बजे ज्योति दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचती है....और भागते हुए बाहर निकलती है ज्योति जैसे ही बाहर आ रही होती है किसी से टकरा जाती है और सॉरी बोल कर आगे बढ़ने लगती है तभी वह शख्स पीछे से आवाज देता है....."क्या हुआ ज्योति इतनी जल्दी में क्यों हो". ...ज्योति को आवाज बहुत जानी पहचानी सी लगती है वह पीछे मुड़कर सामने खड़े शख्स को देखती है तो एकदम से कहती है तुम यहां क्या कर रहे हो.... 


क्या विराज पता लगा पाएगा ज्योति के आर्मी जॉइन करने के पीछे की वजह? देवांश के किस पास्ट की बात कर रहा है आर्या? क्या है ज्योति और देवांश का पास्ट? कौन है वह शख्स जिससे ज्योति टकराई है? 
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स मिलते हैं अगले चैप्टर में 

................बाय बाय...........

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3 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:06 AM

Nice part

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:06 PM

Nice part 👌

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Gunjan Kamal

29-Jan-2023 11:33 AM

शानदार

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