Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय मुहब्बत

तुझसे जब से प्यार हुआ हैं सब कहते है मैं तेरे इस्क् मे दीवानी हो गयी हू!
तुझे चाहा इस कदर मैंने कि अब लगता है तेरे इस्क् मे जग से बेगानी हो गयी मैं!
बस नही चलता मेरा खुद पर लगता हैं यही  जिंदगी बेगानी हो गयी
सजाती हू रोज नए ख्वाब लगता है ख्वाबों से अपनी जिंदगानी हो गयी!!!!!

मैने तुमसे भी इस तरह मुहब्बत की है । कि मै तेरे प्यार मे दीवानी हो गई ।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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4 Comments

Pranali shrivastava

31-Jan-2023 03:13 PM

Nice

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बहुत ही सुंदर सृजन

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Swati chourasia

29-Jan-2023 07:55 AM

बहुत सुंदर रचना 👌

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