Madhu Arora

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मोहब्बत

मोहब्बत
इश्क से इश्क को, मोहब्बत हुई,
जमाने भर से देखो, बगावत हुई।

 धड़कता है दिल, तेरे नाम से,
खुदा की कसम,  इबादत हुई।

धर्म ईमान मजहब ,खो गया इश्क में
 इश्क में देखो, ऐसी  रवायत हुई।

चले आओ देखो ,सनम इश्क में,
उल्फत में देखो, कयामत हुई।

इश्क सच्चा हुआ , इस जहां में मधु 
सदा उसकी यहांँ तो, खिलाफत हुई।
              रचनाकार ✍️
              मधु अरोरा
    

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6 Comments

Pranali shrivastava

31-Jan-2023 03:10 PM

Nice

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 12:02 PM

Nice

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madhura

29-Jan-2023 03:04 PM

nice

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