पैर की पायल
पैर की पायल
प्रतियोगिता के लिये
डोर बेल की आवाज सुनकर निशा दरवाजे पर जाती है
मैडम आपका कुरियर है
पेपर पर साइन करके वह कुरियर लें लेती है। खोलकर देखती है उसमें से एक पैर की पायल और उसके साथ एक खत होता है वह खत खोलकर पढ़ने लगती है।
निशा कुछ याद आया तुम्हें ---वह सोचने लगती है हाँ ये पायल कुछ जानी पहचानी सी लग रही है लेकिन याद नहीं आ रहा इसे कहाँ देखा था।
नहीं याद आया, कोई बात नहीं चलो मैं बता देता हूँ.....
उस शाम मैं और तुम सिटी माल में गये थे... वहाँ से हम कैब से वापस आये, रास्ते में पहले तुम्हारा घर था तुम पहले उतर गईं मैं बाद में घर पहुँचा. तभी तुम्हारा फोन आया, बादल मेरी पायल शायद मॉल में गिर गई।
मैं तुम्हारी पायल खोजने के लिए मॉल जाने की सोच ही रहा था की माँ घबराई हुई मेरे कमरे में आई और बोली की चाचा जी का एक्सीडेंट हो गया जल्दी हॉस्पिटल चलो। मैं माँ के साथ हॉस्पिटल गया। वहाँ पूरी रात हम चाचा जी की देखभाल लगा दिये। दूसरे दिन चाची जी गाँव से आ गई तब मैं और माँ घर आये। शाम को मै मॉल गया रिसेप्शन पर बोलकर तुम्हारी पायल के बारे में पूछा। रिसेप्शनिस्ट ने कहा हाँ कल स्वीपर को एक पायल मिली थी मै खुशी से झूम गया. पायल लेकर तुम्हारे घर आ रहा था तभी ध्यान आया तुम तो कानपुर चली गई होगी क्यूँकि तुम्हारे पापा का वहाँ ट्रांसफर हो गया था।
मैने पायल को सहेज कर रख दिया।
शुरुआत में तुम फोन करती थी बाद में फोन आने बंद हो गये। मै भी करियर बनाने में जुट गया लेकिन तन्हाइयों में तुम मेरे यादों के गलियारों में धीमी सी दस्तक जरूर दे जाती थी। सोचता था किसी लायक बन जाऊँगा तो तुम्हें खोज निकलूंगा लेकिन कहाँ ढूँढू तुम्हें? कभी कभी तुम्हारी इस पायल को देखकर सुकूँ मिल जाता था
आज इतने सालों बाद तुम फेसबुक पर दिख गईं वो विशाल मेरा दोस्त है न तुम उसकी फ्रेंड लिस्ट में दिख गईं मैंने विशाल से तुम्हारा एड्रेस लिया और तुम्हारी अमानत तुम्हें भेज रहा हूँ हालांकि ये तुम्हें वापस करके तुम्हारी यादों में और तड़पगा क्यूंकि तुम्हारी कोई चीज मेरे पास नहीं होगी।
हाँ तुम अपने बारे में बताना मै अपना अड्रेस दे रहा हूँ।
अब मुझे पायल की कहानी याद आ गई।
ये विपिन का खत था विपिन मेरा बॉयफ्रेंड था। हमारी दोस्ती पूरे कालेज में प्रसिद्ध थी मैं उसे बहुत चाहती थी वो मुझे चाहता था या नहीं ये मुझे नहीं पता था।
अब तो मेरी शादी हो चुकी है मेरे दो प्यारे बच्चे भी हैं पति भी बहुत प्यार करते हैं लेकिन आज भी तन्हाइयों में विपिन यादों के गालियारे में दस्तक दे जाता है और कभी -कभी मैं उसका दिया हुआ फ्रेंडशिप बैंड बहुत सहेज कर रखा है निकलती हूँ और कुछ देर उससे बातें करके उसी जगह रख देती हूँ और भूल जाती हूँ पुराने बीते लम्हें ----सहेजने लगती हूँ सामान्य होकर अपने वर्तमान को।
मैंने एक पैर की पायल जो मेरे पास थी उसे बदल कर एक जोड़ी नई पायल लें ली थी।
इस एक पैर की पायल को मैंने विपिन के दिये बैंड के पास रख दिया।
डॉ. रामबली मिश्र
31-Jan-2023 08:08 PM
शानदार
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Pranali shrivastava
31-Jan-2023 03:31 PM
V nice 👍🏼
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Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 12:50 PM
Nice
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