हर एक शख्स अकेला दिखाई देता है। कभी उदास जब चेहरा दिखाई देता है। खिजां को अब भी शिकायत है क्या कहा
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दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख।
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तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तु
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अक्स आंखों में तेरी है प्यार है जज्बात में। हर तरफ है जिक्र में तू,हर ज़ुबां की बात में।
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तुम्हारा साथ मुझे अब दवा सा लगता है। तुम्हारा प्यार मुझे अब दुवा सा लगता है। ❤️ कभी हमराज़ था ज
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छोड़ कर मुझको गए तो सिसकियां रह जाएंगी। याद आएगी मेरी बस हिचकियां रह जाएंगी। ❤️
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प्यार करना आप का मेरे लिए उपहार है। आपका आदेश मुझको हर घड़ी स्वीकार है। ❤️ अब यहां कोई जुलेखा कैसे
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किसी परवाने पे ,जुगनू पे, शे`र कैसे लिखूँ। गुल पे गुलशन पे खुशबू पे शे`र कैसे लिखूं। ❤️
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कौन ले आया तुझे पास अदा किसकी थी? आग सीने में जलाई थी शमा किसकी थी?
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रेत का कोई महल हो देर तक टिकता नहीं। लाख पर्दे में छुपा लो सच कभी छुपता नहीं। ❤️ कोई महलों में मकीं
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सदियों की कहानी को लम्हों में सुनानी है. समझो गर आंसू है ना समझो तो पानी है।
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मुझसे रूठे अगर तो मना लेंगे हम। टूट जाओगे तुम तो बना लेंगे हम। तुमको पाने की खुशियां मिली जो मुझे
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तिरी आंख को जब हम नम देखते है। फिर तो सारे जमाने का गम देखते हैं
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दिल की उदासियों को मिटाने के लिए आ। आ मेरे पास और न जाने के लिए आ।
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किसी जरदार की चौखट पे ना दस्तार गिरी है। मेरे अदब की ना अभी मैअयार गिरी है।
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तुम वहां बेचैन हो मैं भी यहां नाशाद हूं। कैद में मेरी खुशी तो मैं कहां आजाद हूं
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अमीरी के दरख़्तों से जब पत्ते टूट जाते हैं। नए रिश्तो के खातिर जब पुराने छूट जाते हैं।
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कैसे दिखाएं बच्चों को मां बाप अपने दर्द। बच्चों से दूर रहने पर मजबूर हो गए। ❣️
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तेरी तसव्वुर में हम बैठे जान तेरी तस्वीर के साथ. जैसे लैला मजनू बैठे, रांझा बैठे हीर के साथ।
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आज उसका प्यार मुझको याद आया है बहुत। उसके इस अंदाज ने मुझको रुलाया है बहु
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आज उसका प्यार मुझको याद आया है बहुत। उसके इस अंदाज ने मुझको रुलाया है बहुत।
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दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए। उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए ।
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दिलों को तोड़ जाए वह कभी आवाज मत होना। जिसे कोई ना समझे तुम कभी वो राज मत होना।
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तुम वहां बेचैन हो मैं भी यहां नाशाद हूं। कैद में मेरी खुशी तो मैं कहां आजाद हूं
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दोस्त भी दुश्मन को लिए साथ आ गए। जितने थे दर्द साथ मुझे रास आ गए।
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या खुदा वह असर हो मेरी आह में। प्यार जिसको करूं हो मेरी बांह में
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अमीरी के दरख़्तों से जब पत्ते टूट जाते हैं। नए रिश्तो के खातिर जब पुराने छूट जाते हैं।
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अगर हिम्मत न हो दिल लगाना बुरा है। किसी का भी हो दिल दुखाना बुरा है।
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छुपे हैं ऐब जो उसको तू बेनकाब न कर। खुदा पे छोड़ किसी का भी तू हिसाब न कर
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खुशी भी रूठ जाती है तुम्हारे रुठ जाने से। मुझे मिलती है सब खुशियां तुम्हारे मुस्कुराने से।
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आंखों में मेरी नींद ना आए तो क्या करूं। मुझको तुम्हारी याद सताए तो क्या करूं। चाहत है सबकी सबको मिल
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सिर्फ खुशियां मिले तुमको, कुछ गम नहीं। आप भूले हमें, भूलते हम नही।
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दर्द हद से बढ़ गया औ जख्म भी गहरा हुआ। सिर्फ यादों का तुम्हारे रात भर पहरा हुआ।
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किससे सीखी है अदा तुमने रूठ जाने की। बड़ी मुश्किल है तुम्हे कोशिशें मनाने की।
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दूर जाकर सिर्फ यादें दे गया। याद रखने के बहाने दे गया।
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तेरे बिना तो अपना घर भी मुझको जंगल लगता है। ऐसे आंख बरसती है सावन का बादल लगता है।
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आप पहुंचे वहां, क्या से क्या हो गया। पत्थरों का शहर, आइना हो गया।
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रखेगा होंठ मेरे लब गुलाब कर देगा। पलक पर आएगा आंखों में ख्वाब कर देगा।
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कोई वफा नहीं है तेरी वफाओं जैसा। नहीं सुकून तेरी जुल्फ की छांवों जैसा।
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मासूम जिंदगी के अरमान बहुत हैं. हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत हैं।
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न कोई दोस्त ,न दुश्मन कोई पुराना है। अजीब बात है हर शख्स से याराना है।
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दिल में लगता है कोई बात दबी हो जैसे। बात जो दिल ने कहा तुमने सुनी हो जैसे।
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फूल तो फूल हैं शाखों पे सजे रहते हैं। हम तो कांटे हैं हिफाजत में लगे रहते हैं।
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चाहत है तो रुसवाई का इमकान बहुत है। हर शख्स दिल लगा के परेशान बहुत है।
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हर गीत ग़ज़ल मैंने तेरे नाम लिखा है। तू मेरी मोहब्बत है सरेआम लिखा है।
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सपने हमने आंखों में और पुख्ता इरादा रखा है। अपने टूटे ख्वाबों को आंखों में जिंदा रखा है।
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हम वह पौधा लगे उगाने में। जिसमें खुशियां हों, दाने-दाने में।
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बहुत लोगों की नजरों से हम ताड़े जा रहे हैं। जमे हैं पैर जो मेरे उखाड़े जा रहे हैं।
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जबीने दिल झुके सजदे में इबादत कहिए। उठा के हाथ खुदा से फिर जरूरत कहिए।
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अ़जीब लुत्फ़ सी होती है तेरी बातों में। कि कभी जी नहीं भरता है मुलाका़तों में।
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इस तरह भी आजमाना चाहिए। दर्द आंखों में छुपाना चाहिए।
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तुम को क्या मालूम है कितनी मोहब्बत है मुझे। जान से भी मुझको प्यारी तेरी इज्जत है मुझे।
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तुझ में जो खो गया है वह मंज़र तलाश कर। बाहर जो ना मिले उसे अंदर तलाश कर।
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बेघर हुए शहर में तो गांवो में आ गए। मुझको लगी जो धूप तो छांवो में आ गए।
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अपनी मोहब्बतों को नुमायां न कर सके। तेरी नशाते रूह का सामां ना कर सके। 💖
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लफ्जों के हर लुगात ने खामोश कर दिया।मुझको चला गया है वह जाने क्यों छोड़ कर।
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जो बेवफा है उसे प्यार नहीं हो सकता। ये कभी इश्क का मेयार नहीं हो सकता ता
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दिलों को तोड़ जाए वह कभी आवाज मत होना। जिसे कोई ना समझे तुम कभी वो राज मत होना।
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अब फक़त तेरा सहारा, न सहारा कोई। मुझको मिलता ही नहीं तुमसे अब प्यारा कोई।
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नूर का चेहरा सरापा नूर बैठी है। रूबरू मेरे हसीं एक हूर बैठी है।
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दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए। उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए ।
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दिल में कितनी यादें हैं,बाहों में लेकर रो लेना।
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भाषा - कोटि - : कहानी
रोशनी में तीरगी महसूस की। घर में जब तेरी कमी महसूस की।
भाषा : हिन्दी
भाषा - कोटि - : शायरी
मंजिलें भी मुश्किल थी रास्ता पुरखार रहा। लेकिन पांव को मेरे आबलों से प्यार रहा।
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منزلیں بھی مشکل تھی راستہ پر خار رہا۔ لیکن پاؤں کو میرے آبلوں سے پیار رہا۔
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غزل : قسمزبان
मौसम ये मोहब्बत का बड़ा खुशगवार है।
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भाषा - कोटि - : लेखमंथ प्रतियोगिता 20 से 30 जून
वह खेलता है समंदर की लहर में लेकिन। हां मगर प्यास की उस की अजब कहानी है । ❤️
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भाषा - कोटि - : शायरी
بہت ہوشیار ہو گئے ہیں لوگ۔ ہم سے بے زار ہو گئے ہیں لوگ۔ ❤️
اردو :زبان
غزل : قسمزبان
جانے کہاں وہ دن گئے فصل بہار کے۔ ہمیں انتظار میں رہے بس تیرے پیار کے
اردو :زبان
غزل : قسمزبان
یہ سوکھے ہونٹ سمندر کی مہربانی ہے. جو میری پیاس بجھا دے کہاں وہ پانی ہے۔ ❤️
اردو :زبان
غزل : قسمزبان
ہوتی ہے یار خود سے شکایت کبھی کبھی۔ کرتا ہے دل بھی مجھ سے بغاوت کبھی کبھی۔
اردو :زبان
غزل : قسمزبان
वो देखते ही देखते रूपोश हो गए। उनके ज़हन से हम भी फरामोश हो गए।
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भाषा - कोटि - : शायरी
मुहब्बत में तेरे नींदे उड़ाना खूब आता है। दिलों से दिल का हाल ए दिल बताना खूब आता है।
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का़तिल उसे बना दिया जो खुद क़तील था। उसने सजा दिलाई जो मेरा वकील था।
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हाल अहवाल मुकम्मल नहीं हुआ अब तक। सवाल जो था वही हल नहीं हुआ अब तक। ❤️
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भाषा - कोटि - : शायरी
प्रेम सिंगार का मौसम है, मेरे यार होली है। ह्रदय के मेल का संगम है, मेरे यार होली है। ❤️
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ख्वाब हमारे आंखों में जाने कितने लहराए हैं। दिल में आकर मेरे बसे हैं नींद चुराने आए हैं।
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ये हुनर बा कमाल देखूँ गा । जब वह खोलेगी बाल देखूंगा। 💖
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बातों से उसके आपका भी दिल दुखा है क्या। मैंने सहा जो रंज वह तुमने सहा है क्या।
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बंद आंखों में तेरे ख्वाब नजर आते हैं। आंख खुल जाए तो सब ख्वाब बिखर जाते हैं।
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ज़िंदगी अब रुकी रुकी सी है। मेरे आंखों में कुछ नमी सी है।
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رات بھر تم کو جگانے کا سبب ہے کوئی۔ دل میرا کہتا ہے آنکھوں میں طلب ہے کوئی۔
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غزل : قسمزبان
प्यार में तेरे मोम के जैसे हम भी पिघलते रहते हैं
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