पथराई आंखें .....

35 Part

343 times read

11 Liked

...............पथराई आंखें ............... महफ़िल सजी थी ग़ज़लों की, हरि गीतों की और भजनो की, बढ़चढ़ कर के कवि आए, कवियित्रियों से बराबरी न कर पाए, उनकी थी आवाज़ मधुर बहुत , ...

Chapter

×