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संतान सप्तमी पर मुक्तक। बड़ी पीड़ा से पाई है, मधुर मुस्कान की खातिर। बनी दुनिया की सबसे ही बड़ी पहचान की खातिर।। हमेशा खुश रहे मेरे जिगर का एक टुकड़ा तू। ...