तसव्वुर का नशा गहरा हुआ है

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तसव्वुर का नशा गहरा हुआ है दिवाना बिन पिए ही झूमता है नहीं मुमकिन मिलन अब दोस्तो से महब्ब्त में बशर तनहा हुआ है करूँ क्या ज़िक्र मैं ख़ामोशियों का यहाँ ...

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