1 Part
260 times read
7 Liked
तसव्वुर का नशा गहरा हुआ है दिवाना बिन पिए ही झूमता है नहीं मुमकिन मिलन अब दोस्तो से महब्ब्त में बशर तनहा हुआ है करूँ क्या ज़िक्र मैं ख़ामोशियों का यहाँ ...