बिना सोंचे समझे-31-Jan-2023

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कविता -बिना सोंचे समझे  कहां जा रहे हो किधर को चलें हो बिन सोंचे समझे बढ़े जा रहे हो।  कहीं लक्ष्य से ना भटक तो गये हो ! फिर शान्त के ...

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