रहीमदास जी के दोहे

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एकहि साधै सब सधै, सब साधे सब जाय रहिमन मूलहि सींचबो, फूलहि फलहि अघाय।।  अर्थ— रहीमदासएक को साधने से सब सधते हैं। सब को साधने से सभी के जाने की आशंका ...

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