59 Part
73 times read
1 Liked
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय।। अर्थ— रहीमदास जी कहते हैं कि प्रेम के धागे को कभी तोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि ...