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घनाक्षरी छंद लाल ने गुलाब दिया, आज प्रात हाथ में ला हुई थी अचंभित मैं , मंद मुसकाई थी। इस वर्ष का ये पुष्प, तोहफा प्रथम मिला देख के गुलाब पुष्प, ...