रहीमदास जी के दोहे

59 Part

80 times read

1 Liked

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाड़ति छोह।। अर्थ— इस दोहे में रहीमदास जी ने जल के प्रति मछली के घनिष्ट प्रेम ...

Chapter

×