लेखनी कविता -02-Feb-2023

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सुहानी सुबह कुछ जागी कुछ अलसायी सी रुई सी सफेद फैली झीनी चादरें आसमान से उतरती इतराती  सुरमई किरणों की छटाएं उठो जागो देखो  आ गई है जगाने मुस्कुराती सुहानी सुबह ...

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