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शीर्षक- तरनी को देखो तरनी में देखो पानी है स्वच्छ, आज हंस कर रहे विचरण, देख हो रहा मन हरण। देखो हंसो की टोली, बना रहे वो हमजोली, जैसे एक कतार ...