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......................कली...................... किसी कली को छू कर देखो वह तो संकुचित हो जाती, ऐं-से ही वह कुसुम-कली भी छूने से शर्मा जाती। कलियां तो एक बगिया-क्यारी में धीरे धीरे खिलती हैं, शनै ...