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शीर्षक-बाबुल के आंगन की कली बाबुल तेरे अंगने की कली, अब खिलने दो फली। बाबुल ने सींचा बड़े प्यार से, सुमुन में बनी इस संसार की। जब जवानी की ऋतु छाई, ...