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सचिव बैद गुरु तीनि जौं, प्रिय बोलहिं भय आस राज धर्म तन तीनि कर, होइ बेगिहीं नास।। अर्थ— गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि मंत्री, वैद्य और गुरु —ये तीन यदि ...