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प्रतियोगिता हेतु गज़ल बड़ी ही होशियारी चल रही है। यहां तो बस तुम्हारी चल रही है।। दिलों को जोड़ने की बात छोड़ो। दिलों पर आज आरी चल रही है।। मुहब्बत क्या ...