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हरियाली(गीत-16/14) हरे उदासी हरियाली नित, लोचन-प्यास बुझाती है। बन आभूषण यह धरती का, उर में प्यार जगाती है।। हरे-भरे खेतों की शोभा, देख हृदय उत्साहित हो, शीघ्र शांति पाता मन चिंतित, ...