सूरदास जी के पद

27 Part

75 times read

1 Liked

धेनु चराए आवत आजु हरि धेनु चराए आवत मोर मुकुट बनमाल बिराज पीतांबर फहरावत॥ जिहिं जिहिं भांति ग्वाल सब बोलत सुनि स्त्रवनन मन राखत आपुन टेर लेत ताही सुर हरषत पुनि ...

Chapter

×