305 Part
63 times read
0 Liked
जिसकी जैसी भावना एक बार बुद्ध कहीं प्रवचन दे रहे थे। अपनी देशना ख़त्म करते हुए उन्होंने आखिर में कहा, जागो, समय हाथ से निकला जा रहा है। सभा विसर्जित होने ...