कविता = परछाई

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⭐ गीत = ( परछाई ) तू तो थी मेरी परछाई ! दुनियाँ मेरी क्यों है जलाई !! वफ़ा के बदले बेवफ़ाई ! कैसे हो गई तू हरजाई !! तू तो ...

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