अनकहे अल्फाज –२४

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आपने सही कहा बदल गया हूँ मैं। अंजान सी राह पर ठहर गया हूँ मैं। मेरे हिस्से में हर वक़्त उम्मीदें आई है। मेरे लिए जो बना है,उस शहर गया हूँ ...

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