सूरदास जी के पद

27 Part

61 times read

1 Liked

बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं तब ये लता लगति अति सीतल¸ अब भई विषम ज्वाल की पुंजैं।। बृथा बहति जमुना¸ खग बोलत¸ बृथा कमल फूलैं अलि गुंजैं। पवन¸ पानी¸ धनसार¸ संजीवनि,  ...

Chapter

×