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प्रतियोगिता हेतु दोहा रिश्तेदारी में रखो, आप भरोसा नीक। बना रहे स्नेह तब, लगते रिश्ते ठीक।। पावन रिश्तों में नहीं, होती कोई चाह। जैसे सरिता में बसे, निर्मल नीर अथाह।। मन ...